डेस्क। शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय ने पुलिस को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर तोड़फोड़ की जांच पर एक रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। घटना के एक वीडियो को देखने के बाद, अदालत ने पाया कि मुख्यमंत्री के आवास के बाहर सुरक्षा अपर्याप्त थी।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति नवीन चावला की पीठ आप विधायक सौरभ द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
इसी कड़ी में याची ने तोड़फोड़ की घटना की निष्पक्ष और समयबद्ध जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन की मांग भी की है।
कोर्ट ने कहा “एक अनियंत्रित भीड़ थी। हमने वीडियो देखा है। कुछ लोगों ने गेट पर चढ़ने की कोशिश की। वे सफल नहीं हुए। शायद यह इरादा भी नहीं था। भीड़ में से कुछ ने कानून व्यवस्था अपने हाथ में ले ली है। और निश्चित रूप से डर का एक तत्व है जिसे पैदा करने की कोशिश की गई है, यह स्पष्ट है। पुलिस बल शायद अपर्याप्त था, आपको इसका जवाब देना होगा … कम से कम जो वहां थे, वे इसे रोकने की कोशिश कर रहे थे।
अदालत ने कहा कि आपको यह बताना होगा कि आप किस तरह की सूचना देंगे और इस तरह की घटना के बारे में किस तरह की धमकी की धारणा थी।
अदालत ने आगे कहा कि रिपोर्ट दो सप्ताह के भीतर दायर की जानी चाहिए।
अदालत ने आगे याची भारद्वाज पर भी सवाल उठाया, यह तर्क देते हुए कि आप न तो पीड़ित पक्ष थे और न ही घटनास्थल पर मौजूद थे।
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