मुंबई
सड़क पर भीख मांगते बच्चे (Children Begging) तो आपने कई बार देखें होंगे लेकिन आपने कभी ये सोचने की कोशिश है की इन बच्चों को भीख मांगने के लिए कौन कहता है. दरअसल महाराष्ट्र (Maharashtra) के औरंगाबाद (Aurangabad) में एक ऐसा ही चौंकाने वाला मामला सामने आया है जहां पर दो बच्चों को भीख मंगवाने के लिए उन्हें 1.5 लाख रुपये में बेचा गया था. पुलिस ने बच्चों को बेचने और भीख मंगवाने के आरोप में दो महिलाओं को गिरफ्तार किया है.
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक इन बच्चों को जालना और अकोला से लाया गया था. पुलिस ने बच्चों को बेचने के आरोप में दोनों महिलाओं के खिलाफ मुकुंदवाड़ी पुलिस थाने में मामला दर्ज कर लिया है. आरोपी दोनों महिलाओं को तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है. पुलिस को जानकारी मिली है कि शहर में एक गिरोह बच्चों को अगवा कर या फिर गरीब घरों से खरीदकर गोद लेने का दिखावा करता है. इसके बाद इन बच्चों को मुंबई में लाकर अलग-अलग मोहल्लों और सड़कों पर भीख मांगने के काम पर लगा दिया जाता है.
जानकारी के मुताबिक मुकुंदवाड़ी इलाके में एक घर से बच्चों के रोने की आवाज आ रही थी. बच्चों की आवाज सुनने के बाद जब समाजिक कार्यकर्ता देवराज नाथजी वीर ने सवाल किया तो पाया गया कि जनवाई जाधव और उनकी बेटी सविता पगारे बच्चे को अमानवीय तरीके से पीट रहे थे. देराज ने बच्चों को महिलाओं से छुड़ाया और पुलिस को इसकी सूचना दी. जांच में पता चला कि बच्चे ने भीख मांगने से मना कर दिया था, जिसके बाद दोनों महिलाएं उसे पीट रही थीं. मुकुंदवाड़ी पुलिस ने दोनों महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया है.
पुलिस ने बताया कि इस मामले की जांच की जा रही है. पुलिस को पता चला है कि बच्चों से भीख मंगवाने के पीछे एक बड़ा रैकेट काम कर रहा है. बच्चे को जब बिस्किट खिलाकर उससे पूछताछ की गई तो उसने बताया कि उसके मां-बाप गांव में रहते है. उसके मां-बाप ने उसे 3 से 4 लाख रुपया में बेचा था. यहां पर यह लोग मुझे मार कर भीख मांगने में लगाते हैं और खाना भी नहीं देते.
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