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Garuda Purana Lord Vishnu Niti in Hindi:कब मिलती है प्रेत योनि

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Garuda Purana Lord Vishnu Niti in Hindi: हिन्दू धर्म में धार्मिक ग्रंथो का विशेष महत्व है। धर्म हिन्दुओं के लिए सर्वोपरि है, सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड में व्यक्ति द्वारा किये गए कार्यों का क्या फल मिलेगा इसका विवरण धार्मिक ग्रंथो में लिखा गया है। व्यक्ति को स्वर्ग मिलेगा या नर्क यह उसके कर्मो पर निर्भर करता है। लेकिन स्वर्ग और नर्क में व्यक्ति को किन चीजों को देखना पड़ेगा यह विवरण गरुण पुराण में किया गया है। गरुण पुराण 18 ग्रंथो में से एक है। कोई भी व्यक्ति गरुण पुराण का पाठ नियमित रूप से नहीं  कर सकता। हिन्दू धर्म में गरुण पुराण के पाठ का प्रावधान किसी व्यक्ति की मृत्यु के समय है। गरुण पुराण जन्म, मृत्यु, स्वर्ग, नरक, कर्म और अगले जन्म के विषय में बताता है। 

जानें गरुण पुराण में नर्क के विषय में क्या कहा गया है –

गरुण पुराण में 84 लाख योनियों का वर्णन किया गया है। जिसमें मनुष्य योनि सबसे सर्वश्रेष्ठ योनि बताई गई  है। गरुण पुराण के मुताबिक जब व्यक्ति कई साल तप करता है और अपने कर्मो से अपने भाग्य का निर्माण करता है तब उसका जन्म मनुष्य योनि में होता है। ठीक मनुष्य योनि की तरह गरुण पुराण में 84 लाख नर्क का विवरण दिया गया है। गरुण पुराण के मुताबिक व्यक्ति अपने कर्म के आधार पर नर्क का फल भोगता है। जिसके जितने बुरे कर्म होंगे व्यक्ति को नर्क में उतना अधिक कष्ट झेलना पड़ेगा। 

वही प्रेत योनि के लिए गरुण पुराण में लिखा है – व्यक्ति जब निकृष्ट बुरे कर्म करता है, ईश्वर का उपहास बनाता है, मनुष्य को मनुष्य नहीं समझता है तो उसके कर्म के आधार पर उसे प्रेत योनि में जन्म मिलता है।

गरुण पुराण में बताया गया है व्यक्ति जब धार्मिक मार्ग पर नहीं चलता है, मंदिरों में नहीं जाता, दिन रात अनुचित कार्यों में लगा रहता है तो मृत्यु के उपरांत उसे प्रेत योनि मिलती है। यह योनि काफी कष्टदायक योनि है इसमें व्यक्ति को नर्क के सभी दंश झेलने पड़ते हैं। हालाकि यदि कोई व्यक्ति धर्म के मार्ग को अपनाता है,  जप-तप, पिंडदान व श्राद्ध कार्य करता है तो आपको प्रेत योनि से छुटकारा मिल सकता है। 

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