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ज्यादा पानी पीना भी पंहुचा सकता है आपकी सेहत को नुक्सान

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जिस तरह कम पानी पीना हेल्थ के लिए नुकसानदायक होता है और डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है। ठीक उसी तरह बहुत ज्यादा पानी पीना भी सेहत के लिए हानिकारक होता है। कई बार डिहाइड्रेशन से बचने के लिए बहुत सारे लोग दिनभर पानी पीते रहते हैं। लेकिन लेटेस्ट स्टडीज की मानें तो बहुत ज्यादा पानी पीने से सेहत को कोई फायदा नहीं होता। एक्सपर्ट्स की मानें तो हर दिन 2 से ढाई लीटर फ्लूइड का इनटेक शरीर के लिए काफी है जिसमें पानी भी शामिल है।

2 से ढाई लीटर फ्लूइड इनटेक है काफी-पहले जहां लोगों के बीच यह मान्यता थी कि हर दिन 8 से 10 गिलास पानी पीना अच्छी सेहत के लिए बेहद जरूरी है वहीं, अब इसमें बदलाव आया है। हर दिन 2 से ढाई लीटर फ्लूइड जिसमें चाय, कॉफी, जूस जैसी चीजें शामिल हैं, शरीर के लिए काफी है। हालांकि जिन लोगों को दिनभर आउटडोर में काम करना होता है उन्हें ज्यादा फ्लूइड की जरूरत हो सकती है।

जितनी प्यास लगे उतना ही पानी पिएं
प्रिवेंटिव कार्डियॉल्जिस्ट डॉ आशीष कॉन्ट्रैक्टर कहते हैं, बहुत ज्यादा मात्रा में पानी पीने का कोई फायदा नहीं है। कोई व्यक्ति कितना ज्यादा शारीरिक परिश्रम कर रहा है और वह जित वातावरण में रह रहा वह कैसा है, इन सब बातों पर निर्भर करता है कि उस व्यक्ति को कितना पानी पीना चाहिए। वैसे तो हर दिन 2 लीटर पानी काफी है। लेकिन थंब रूल ये है कि आप अपनी प्यास के हिसाब से पानी का इनटेक करें। जितनी प्यास लगे उतना पानी पिएं।

सादे पानी का हाइड्रेशन इंडेक्स है कम
सबसे अहम बात ये है कि सादे पानी का हाइड्रेशन इंडेक्स HI दूध, ऑरेंज जूस और ओआरएस की तुलना में काफी कम है। दरअसल, हाइड्रेशन इंडेक्स का मतलब है कि पानी या किसी लिक्विड को पीने के बाद वह शरीर में कितनी देर तक रहता है। अगर पानी पीने के 1 घंटे के अंदर आपका यूरीन आउटपुट क्लियर है तो इसका मतलब है कि पानी आपके शरीर में ठहर नहीं रहा। नए साइंटिफिक फैक्ट की मानें तो सादा पानी शरीर में ठहरता नहीं है और तुरंत बाहर निकल जाता है। लिहाजा बहुत ज्यादा प्लेन वॉटर की जगह नारियल पानी, नींबू पानी, जूस आदि का सेवन करना चाहिए।

वॉटर वेट गेन से ऐसे पाएं छुटकारा

शरीर में पानी जमा हो जाने के कारण भी आपका वजन बढ़ सकता है। अक्सर सुबह आंखों के नीचे सूजन, फूला हुआ पेट, शरीर में पानी जमा होने के संकेत हैं। पानी से बढ़ने वाले वजन से छुटकारा पाना आसान नहीं है लेकिन इसके लिए जिम्मेदार कारकों पर ध्यान देकर आप इसे कम जरूर कर सकते हैं…

शरीर में पानी की अधिकता के सबसे बड़े और सामान्य कारणों में से एक नमक की अधिकता है। सोडियम पानी के साथ जुड़ा है और इसे शरीर में रखता है। सोडियम के ज्यादा सेवन से शरीर में द्रव बढ़ने और एकत्र होने का खतरा बढ़ जाता है। इसी तरह, अगर आप बहुत ज्यादा कार्ब्स युक्त आहार का सेवन करते हैं, तो यह टीशूज में द्रव पर प्रभाव डाल सकता है।

बर्थ कंट्रोल हार्मोन्स भी कभी-कभी शरीर में पानी के वजन को बढ़ा सकता है। बर्थ कंट्रोल पिल्स में ऐस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टिन वजन के पैमाने में उतार-चढ़ाव को जन्म दे सकते हैं।

कोर्टिसोल, जिसे ‘तनाव हॉर्मोन’ के रूप में जाना जाता है, कई बार यह आपके पानी के वजन बढ़ने के पीछे का मुख्य कारण हो सकता है। यह हॉर्मोन ब्लड शुगर लेवल को स्थिर रखने, मेटाबॉलिज्म को संतुलित करने और सूजन को कम करने के लिए जिम्मेदार है।

कुछ दवाएं, जो आप पहले से लेते आ रहे हैं या फिर लेना शुरू किया है, वह भी शरीर में पानी से होने वाले वजन के लिए जिम्मेदार हो सकती हैं।

एक स्वस्थ व्यक्ति को रोज 8 गिलास पानी पीना चाहिए। गर्मियों में पानी पीने की आदत को बढ़ा देना चाहिए। जो लोग हाई-फाइबर डायट पर हों उन्हें 8 गिलास से ज्यादा पानी पीना चाहिए।

– ड्राई, मसालेदार और वसायुक्त चीजें खाने के बाद उसे पचाने के लिए ज्यादा पानी पीने की जरूरत होती है।- नमकीन भोजन खाने के बाद ज्यादा पानी पीना चाहिए क्योंकि अतिरिक्त नमक को शरीर से बाहर निकालने के लिए पानी की जरूरत होती है।- अगर आप लगातार तनाव में रहते हैं, तो भी आपको ज्यादा मात्रा में पानी पीना चाहिए। – जितना ज्यादा आपका वजन है, आपको उतना ही ज्यादा पानी पीने की जरूरत होती है, ताकि डाइजेशन, ब्लड सर्कुलेशन और दूसरे फंक्शन सही से काम करें।- एक्सरसाइज/वर्कआउट करते समय आपको ज्यादा पानी पीना चाहिए।

– नमक के ज्यादा सेवन से बचें।- ज्यादा चाय, कॉफी और शराब के सेवन से बचें।- नियमित रूप से एक्सर्साइज करें, जिससे आपका वजन कम होगा।- हाइड्रेटिंग खाद्य पदार्थ खाएं।

हो सकती हैं कई बीमारियां
ज्यादा पानी से आपकी किडनी में सूजन आ सकती है। इसके अलावा बिना प्यास लगे पानी पीने से आपका ध्यान खराब होता है, नींद कम आने लगती है और कई बार तो इससे किडनी खराब होने का भी चांस रहता है। ज्यादा पानी से हाइपोएटरोमिया हो सकता है जिसमें शरीर में मौजूद सॉल्ट लेवल कम हो जाता है और ब्रेन में सूजन आ जाती है। ज्यादा पानी से ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है, हार्ट पूरा काम नहीं कर पाता।

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