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जाने पाकिस्तान गठन के बाद जिन्ना ने अपने पहले भाषण में क्या कहा था

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सम्पादकीय: 15 अगस्त 1947 को देश आजाद हुआ था। देश की आजादी में हर किसी ने बराबर की भूमिका निभाई। कोई मुस्लिम या हिन्दू नही था सब सिर्फ भारत के नागरिक थे सभी ने एकजुट होकर भारत को आजाद करवाने में अहम भूमिका निभाई। लेकिन भारत की आजादी की घोषणा होने से पहले भारत दो टुकड़ों में बट गया और एक नए देश पाकिस्तान का निर्माण हुआ। पाकिस्तान का गठन इस बात का सबूत था कि अंग्रेज भारत की एकता को तोड़ने में सफल हो गए है।

जब पाकिस्तान का गठन हुआ तो हर भारतीय के दिल मे दर्द था लोगो का मन दुखी था। अपनो से अलग होने के कारण है सबकी आंखे नम थी। आसान नही था किसी के लिये यह देख पाना की आज तक जो एक साथ रहते थे। जिन्होंने एक साथ संघर्ष किया और अंग्रेजों की गुलामी से अपने देश को मुक्त करवाया। अब वही लोग दो अलग अलग देश के नागरिक बन गए हैं।
पाकिस्तान के गठन के बाद मोहम्मद अली जिन्ना को पाकिस्तान का गवर्नर जनरल बनाया गया था। जिन्ना ने अपने पहले सम्बोधन में लोगो से कहा कि 15 अगस्त हमारा स्वतंत्रता दिवस है। जिन्ना की मौत से पहले 2 साल तक पाकिस्तान में 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। लेकिन उनकी मौत के बाद पाकिस्तान के हालात बदल गए और पाकिस्तान में स्वतंत्रता दिवस 14 अगस्त को मनाया जाने लगा।

जाने क्या कहा था मोहम्मद अली जिन्ना ने:-

मोहम्मद अली जिन्ना ने अपने पहले सम्बोधन के दौरान कहा, 15 अगस्त हमारा पहला स्वतंत्रता दिवस है। हम उन सभी लोगो का शुक्रिया अदा करते हैं जिन्होंने पाकिस्तान को बनाने में कुर्बानी दी पाकिस्तान उन सभी का एहसानमंद रहेगा। उन्होंने आगे कहा, देश का गठन करना सिर्फ काफी नही था यह एक बड़ी जिम्मेदारी है। हमारे पास खुद को बेहतर साबित करने का यह एक अच्छा मौका है।
हम पूरे विश्व को बता सकते हैं कि अलग अलग इलाको से मिलकर बने देश मे एकता और एकजुटता रह सकती है और नस्ल व भेदभाव से ऊपर उठकर अच्छा काम किया जा सकता है। उन्होंने कहा पाकिस्तान की कोई नीति आक्रम नही है। यह देश संयुक्त राष्ट्र चार्टर के प्रति बाध्य है। जिन्ना ने कहा पाकिस्तान विश्व स्तर पर शान्ति और समृद्धि के लिये काम करेगा।

मुसलमान ने साबित किया उनकी अलग देश की मांग गलत नही:-

मोहम्मद अली जिन्ना ने आगे कहा, देश के मुसलमान ने एकता का परिचय दिया और यह साबित कर दिया है कि हमारे द्वारा अलग देश की मांग गलत नही थी। यह जायज मांग थी। इससे कोई मुकर नही सकता। लेकिन अब हमारा यह कर्तव्य है कि हम लोगो के सम्मुख खुद को बेहतर साबित कर कसे। 
अब हमें अपने व्यवहार और विचारों से लोगो को यह दिखा देना चाहिए। वह वफादार नागरिको की तरह अपने कर्तव्यों का पालन करेंगे और अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे। किसी को भी चिंता करने की आवश्यकता नही है। उन्होंने कहा हम अपने दायरे को समझते हैं हम गरिमाओ में जीना चाहते हैं और हमारा उद्देश्य है कि दूसरे भी ऐसे ही जियें हम पूरे देश में शान्ति का परिचय देना चाहते हैं।

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