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Rahul Gandhi on Modi: राहुल गांधी का भाषण मोदी सरकार को तीर जैसा लगा या साबित हुआ फुस्स?

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बीते बुधवार यानी 10 अगस्त को लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर जोरदार बहस हुई. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मणिपुर में हो रही हिंसा को लेकर केंद्र सरकार की तीखी आलोचना की. राहुल ने अपने भाषण के दौरान भारत जोड़ो यात्रा से लेकर मणिपुर हिंसा तक हर मुद्दे पर अपनी बात रखी. पिछले महीने 20 जुलाई से शुरू हुए संसद के मॉनसून सत्र में राहुल गांधी का ये पहला भाषण था.

उन्होंने मोदी सरकार पर भारतीय सेना का इस्तेमाल करने से लेकर देशद्रोही होने तक का आरोप लगाया. हालांकि देशद्रोही कहने पर बीजेपी सांसदों ने आपत्ति जताई. मणिपुर हिंसा पर बात करते हुए राहुल ने कहा कि,‘केंद्र चाहती तो भारतीय सेना का इस्तेमाल कर मणिपुर में हो रहे हिंसा को एक दिन में रोक सकती थी लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.’

37 मिनट के भाषण के बाद राहुल गांधी सदन से बाहर चले गए. लोकसभा से जाते वक्त राहुल गांधी ने क्या किया ये सदन की कार्यवाही के वीडियो में साफ तरीके से नजर नहीं आ रहा. लेकिन उनके जाते ही सत्ता पक्ष से बोलने खड़ी हुईं स्मृति इरानी ने राहुल गांधी पर कुछ ऐसे आरोप लगा दिए जिसने पूरे सदन का ध्यान अपनी ओर खींच लिया. दरअसल भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने सदन से जाते वक्त महिला सांसदों को देखकर फ्लाइंग किस किया है जो कि अशोभनीय है.  स्मृति इरानी ने राहुल गांधी के इस आचरण पर गंभीर सवाल उठाते हुए उन्हें महिला विरोधी बता दिया.

ऐसे में सवाल उठता है कि क्या कथित ‘फ्लाइंग किस” के विवाद ने राहुल गांधी के भाषण को फीका कर दिया. इस रिपोर्ट में जानते हैं कि लोकसभा में राहुल गांधी का भाषण मोदी सरकार को तीर जैसा लगा या फुस्स साबित हुआ.

पहले जानते हैं कि मणिपुर पर क्या बोले राहुल गांधी?

अपने 37 मिनट लंबे भाषण में राहुल गांधी ने आधा वक्त मणिपुर के मुद्दे को दिया. अपने भाषण की शुरुआत राहुल ने भारत जोड़ो यात्रा के अपने अनुभव को साझा करते हुए किया. इसके बाद उन्होंने मणिपुर में पिछले दो महीने से चल रही हिंसा पर बात रखी.

राहुल गांधी ने अपने भाषण में कहा, “कुछ दिन पहले ही मैं मणिपुर गया था. हमारे पीएम वहां आज तक नहीं गए क्योंकि उनके लिए मणिपुर हिंदुस्तान नहीं है. मणिपुर को आपने दो भागों में बांट दिया है.”

राहुल आगे कहते हैं, “मणिपुर में एक औरत ने मुझसे बात की. उन्होंने कहा कि इस हिंसा में उनका बेटा मारा गया है और वो उसकी लाश के साथ पूरी रात रहीं. फिर अचानक उन्हें डर लगा और वो अपना घर-बार छोड़कर वहां से चली गई. उनके पास केवल अपने मारे गए बेटे की तस्वीर थी.”

राहुल गांधी ने एक और महिला की कहानी बयां करते हुए कहा, “मैं एक और औरत से मिला जिनसे पूछा कि तुम्हारे साथ क्या हुआ तो वो जवाब देने से पहले कांपने लगी और बेहोश हो गई.” राहुल कहते हैं ये तो मैंने सिर्फ और सिर्फ दो उदाहरण दिए हैं. सरकार ने सिर्फ मणिपुर का ही नहीं बल्कि पूरे हिंदुस्तान का कत्ल किया है.”

राहुल आगे कहते हैं, ‘ मणिपुर के लोगों की हत्या करके आपने भारत माता की हत्या की है, आप ने ये करके देशद्रोह किया है. इस वजह से पीएम मोदी मणिपुर में नहीं जाते हैं. एक मां मेरी यहां बैठी है और दूसरी माँ को आपने मणिपुर में मारा है.”

राहुल जिस वक्त अपना ये भाषण दे रहे थे उस वक्त सत्ता पक्ष की तरफ से भी काफी शोर हो रहा था लेकिन इस बार राहुल का अंदाज कुछ अलग था. वह इस शोर से जरा भी नहीं भटक रहे थे.

राहुल गांधी का भाषण कितना असरदार?

वरिष्ठ पत्रकार अपर्णा द्विवेदी राहुल गांधी के इस भाषण के अंदाज पर एबीपी से बात करते हुए कहती हैं,  “राहुल गांधी का संसद में ये कोई पहला भाषण नहीं था वह सालों से संसद में बोल रहे हैं. लेकिन मणिपुर मुद्दे पर दिए भाषण की खासियत ये थी कि इस बार तेज विरोध होने के बावजूद राहुल गांधी रुके बिना बोलते रहे. इससे पहले के उनके भाषण को देखेंगे तो पाएंगे कि वह रुक जाते थे, शोर होने पर अटकने भी लगते थे. हालांकि ऐसा नहीं है कि आज वह अटके नहीं, लेकिन इस भाषण में उनका आत्मविश्वास ज़रूर देखने को मिला है. 

भाषण के आखिरी में जब तेज शोर-शराबे और विरोध के बीच उन्होंने बोलना जारी रखा और जिस लहज़े में बोला, वो कुछ नया था और ये उन्होंने पिछले दस सालों में धीरे-धीरे सीखा है. मुझे लगता है कि इनके इस भाषण का असर केंद्र सरकार पर जरूर पड़ा होगा. राहुल हर बीतते साल के बाद एक मजबूत नेता के तौर पर उभरकर सामने आ रहे हैं.”

हालांकि अपर्णा ने ये भी कहा कि राहुल गांधी ने भारत माता के संदर्भ में दिए गए अपने बयान को लेकर छोड़ा सतर्क रहने की जरूरत है. भारतीय जनती पार्टी ये बात बहुत अच्छे से जानती है कि उन्हें किस शब्द को कब उठाना है. अगर राहुल गांधी के इस बयान को तोड़ मरोड़कर कर पेश किया जाता है और राहुल गांधी उसका मुहतोड़ जवाब नहीं दे पाते हैं तो उन्हें समस्या हो सकती है.

राजनीति शास्त्र के प्रोफेसर अरुण मिश्रा कहते हैं, ‘राहुल गांधी का सदन में भाषण देने के अंदाज आत्मविश्वास, नैतिक साहस और दृढ़ निश्चय से भरा हुआ था. हालांकि मुझे लगता है कि शुरू में उन्होंने जो भारत जोड़ो यात्रा का जिक्र किया था, उसकी जरूरत नहीं थी. लेकिन जब राहुल मणिपुर पर बोलने लगें सबने उन्हें सुना’. 

वह जो भी बोले पूरे दिल से बोले. रही बात उनके भाषण सरकार का तीर की चुभना तो हां मुझे लगता है कि उनका ये भाषण केंद्र सरकार को चुभा होगा. यही कारण है कि सत्ता पक्ष ने फ्लाइंग किस वाला मुद्दा उठाकर पूरा मामला ही पलटने की कोशिश की.

बीबीसी की एक रिपोर्ट में वरिष्ठ पत्रकार रशीद किदवई कहते हैं, ‘राहुल गांधी ने ऐसी बातें बोल दी जो बीजेपी और नरेंद्र मोदी जी को काफ़ी समय तक कचोटेगी और असहज करेंगी. जिस तरह राहुल गांधी ने कहा कि मणिपुर में हिंदुस्तान की हत्या हुई है. ये ऐसे नैरेटिव हैं जिसमें बीजेपी अपने आपको काफी मजबूत समझती है. लेकिन राहुल ने इस फ्रंट पर बेहद पैनेपन के साथ कम समय में ही अपनी बात रखी है.”

राहुल के भाषण से कांग्रेस को कितनी मजबूती मिलेगी

बीबीसी की एक रिपोर्ट में रशीद किदवई कहते हैं, “राहुल गांधी की लोकसभा में वापस आना ही कांग्रेस पार्टी के लिए बड़ी जीत है. उनका सदन में वापस आने पार्टी को एक तरह से नैतिक साहस देती है. क्योंकि राहुल पर देश में पिछड़े समझे जाने वाले समुदाय के अपमान का आरोप था. ये मामला फिलहाल खत्म नहीं हुआ है. लेकिन ये कहना भी गलत नहीं होगा कि उनकी सदस्यता बहाल होने से कांग्रेस पार्टी को एक बड़ा नैतिक बल मिला है.”

रशीद किदवई कहते हैं कि ये भाषण तो सिर्फ उनकी वापसी की एक झलक थी अभी उन्हें चुनावी मैदान में अपनी क्षमता साबित करनी बाकी है. राहुल गांधी फिलहाल भारत जोड़ो यात्रा के बाद अपनी खोई हुई जमीन को वापस लेने में कामयाब हुए हैं. लेकिन अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में उनका प्रदर्शन ही इसके भविष्य का फैसला कर पाएगा क्योंकि कोई भी नेता कितना लोकप्रिय है, इसका पता विधानसभा या लोकसभा चुनाव में मिले मतों की संख्या से ही तय किया जा सकता है.”

पिछले लोकसभा चुनाव की ही बात करें तो राहुल गांधी को अपने ही पारंपरिक सीट अमेठी में हार गए थे. इसके बाद यूपी में हुए विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस का प्रदर्शन दयनीय रहा. अब ये देखना दिलचस्प होगा कि राहुल गांधी के बढ़े हुए आत्मविश्वास के दम पर कांग्रेस पार्टी अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव और इस साल होने वाले विधानसभा चुनावों में कैसा प्रदर्शन करेगी जिनमें उसे पिछले विधानसभा चुनावों में जीत हासिल हुई थी.

अब जानते हैं राहुल गांधी के भाषण में सत्ता पक्ष ने क्या कहा

राहुल गांधी ने अपने भाषण के दौरान केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी पर जो निशाना साधा था उस पर पलटवार करते हुए राहुल गांधी स्मृति ईरानी ने 1984 के सिख विरोधी दंगों, कश्मीर में अशांति और कश्मीरी पंडितों पर हो रहे अत्याचार का मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस को घेरने की कोशिश की.

स्मृति ईरानी ने राहुल के भारत माता की हत्या वाले बयान पर कहा कि पूरे देश देख रहा है कि राहुल गांधी भारत माता की हत्या की बात कर रहे हैं और कांग्रेस के अन्य लोग मेज थपथपा रहे है, ऐसा इससे पहले कभी भी संसदीय इतिहास में नहीं हुआ.

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