Rahul Gandhi Bharat Jodo Nyaya Yatra: लोकसभा चुनाव की तैयारी उफान पर है। सत्ता पक्ष और विपक्ष अपने – अपने मुद्दों के साथ जनता को साधने की कवायद में लग गई है। राजनीति के जानकारों का कहना है कि बीजेपी राम मंदिर के तले 2024 के चुनाव में अपनी जीत का ध्वज लहराने की हर संभव कोशिश करेगी। तो विपक्ष जनता के मुद्दों पर चुनाव लड़ेगा। कांग्रेस लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए जमीनी स्तर पर अपनी मजबूत छवि गढ़ने में जुट गई है। राहुल गांधी ने मणिपुर से मुंबई तक 6,700 किलोमीटर से ज़्यादा की भारत जोड़ो न्याय यात्रा शुरू कर दी है। बताया जा रहा है राहुल गांधी की न्याय यात्रा का लोकसभा चुनाव में खूब प्रभाव दिखेगा। क्योंकि भारत जोड़ो न्याय यात्रा 15 राज्यों के 100 लोकसभा संसदीय क्षेत्र और 337 विधानसभा क्षेत्र से गुज़रेगी।
राहुल की यात्रा से कांग्रेस को कितना लाभ:
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सितंबर 2022 से लेकर जनवरी 2023 तक कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की थी। यात्रा का प्रभाव चुनावी दौर में देखने को मिला। दक्षिण भारत में कांग्रेस मजबूत हुई। कर्नाटक और तमिलनाडु में कांग्रेस ने सरकार बनाई। वही अब जब एक बार पुनः कांग्रेस नेता राहुल गांधी 15 राज्यों के 100 लोकसभा संसदीय क्षेत्र और 337 विधानसभा क्षेत्र की भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर निकलें हैं तो स्पष्ट है कि इसका प्रभाव लोकसभा चुनाव में देखने को मिलेगा। क्योंकि राहुल प्रत्यक्ष रूप से जनता से जुड़कर लोगों को अपनी तरफ आकर्षित कर रहे हैं। लोगों का नजरिया कांग्रेस को लेकर प्रतिवर्तित हो रहा है। कहीं न कहीं राहुल गांधी की छवि एक गंभीर नेता के रूप में विकसित हो रही है। जो लोग अभी तक कांग्रेस पर यह आरोप लगाते थे कि उनके पास अब कोई नहीं है जो कांग्रेस को इंदिरा की तरह जनता की पार्टी बना पाए। राहुल ने इस मिथक को भी तोड़ दिया है।
वही यात्रा का एक उद्देश्य यह भी है कि मीडिया संस्थानों ने सत्ता पक्ष और विपक्ष के संदर्भ में जो सर्वे प्रस्तुत किये हैं उनके हिसाब से देश के सबसे लोकप्रिय नेता पीएम मोदी हैं। जनता की जुबान पर मोदी के अलावा कोई नाम नहीं है। जो वास्तव में विपक्ष के लिए सबसे बड़ी चिंता का विषय है। तीन राज्यों में कांग्रेस की हार ने कांग्रेस का कद नीचे किया है। जिस तरीके से चुनावी सर्वे सामने आए हैं उसके मुताबिक बीजेपी को सत्ता प्राप्त करना बेहद आसान है। क्योंकि विपक्ष के पास कोई गंभीर चुनावी मुद्दा है नहीं, ऊपर से राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में बीजेपी को जनता के बीच पुनः मजबूत करने का ताना-बाना बुन दिया है। अब ऐसे में राहुल की यात्रा कांग्रेस को जनता के बीच स्थापित कर बीजेपी के लिए चुनाव संघर्ष भरा बनाने का है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी जानते हैं कि मुख्य धारा की मीडिया का ध्यान राम मंदिर और मोदी पर है। विपक्ष को जनता राम विरोधी के रूप में जान रही है अगर वह प्रत्यक्ष रूप से जनता से नहीं मिले तो कांग्रेस बिना लड़े ही परास्त हो जाएगी। लेकिन यदि उन्होंने अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा को सफलता पूर्व कर लिया। तो वह 15 राज्यों में स्वयं को मजबूत स्थिति में खड़ा कर लोकसभा चुनाव में बीजेपी को कांटे की टक्कर देंगे।
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