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UP के साधुओं को बंगाल में भीड़ ने निर्वस्त्र कर पीटा, वीडियो वायरल

पश्चिम बंगाल के पुरुलिया से एक बेहद चैंकाने वाली घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में मकर संक्रांति के पर्व पर गंगासागर जा रहे साधुओं को पालघर में हुई लिचिंग की तरह फिर पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में माॅबलिचिंग की घटना को अंजाम देने की कोशिश की गयी है।

पुरुलिया जिले में एक परेशान करने वाली घटना 12 जनवरी को गंगासागर जा रहे साधुओं के एक समूह के घटित हुई। भारी भीड़ ने साधुओं बच्चा चोर समझकर हमला कर दिया और कथित तौर पर भीड़ द्वारा उनके कपड़े उतार बेहरमी से पीटा । जिसका चैंकाने वाला वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा किया गया, जिसमें साधुओं को पीटते हुए दिखाया गया है। यह मामला पुरुलिया जिले का बताया जा रहा है. सोशल मीडिया पर इसका 30 सेकंड का वीडियो भी वायरल हो रहा है।

वीडियो वायरल होने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिम बंगाल की ममता सरकार पर हमला बोला है। भारतीय जनता पार्टी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने वीडियो को शेयर करते हुए लिखा “ममता बनर्जी की चुप्पी पर शर्म आनी चाहिए! क्या ये हिंदू साधु आपकी मान्यता के योग्य नहीं हैं? आगे यह दावा करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में हिंदू होना अपराध है, भाजपा नेता ने कहा, “ममता बनर्जी के शासन में, शाहजहां शेख जैसे आतंकवादी को राज्य संरक्षण मिलता है और साधुओं की हत्या की जा रही है।

UP के साधुओं को बंगाल में भीड़ ने निर्वस्त्र कर पीटा, वीडियो वायरल
UP के साधुओं को बंगाल में भीड़ ने निर्वस्त्र कर पीटा, वीडियो वायरल

अखिल भारत हिंदू महासभा के स्वामी चक्रपाणि ने कहा कि बंगाल में पालघर जैसी घटना दोहराई जा रही है. ये कितना दुर्भाग्यपूर्ण है. जब भगवान राम का मंदिर बन रहा है उस समय संत सुरक्षित नहीं है. ममता सरकार आरोपियों को गिरफ्तार करके तुरंत सजा सुनाए।

पुरुलिया के पुलिस अधीक्षक अविजीत बनर्जी ने एक आधिकारिक विवरण पेश करते हुए कहा कि एक वाहन में यात्रा कर रहे तीन साधुओं का गौरंगडीह के पास तीन लड़कियों से सामना हुआ। भाषा की बाधा के कारण गलतफहमियां पैदा हुईं, लड़कियों ने मान लिया कि साधु उनका पीछा कर रहे हैं। स्थिति तब बिगड़ गई जब स्थानीय लोगों ने हस्तक्षेप किया और साधुओं को दुर्गा मंदिर ले गए जहां उनकी कार में तोड़फोड़ की गई और साधुओं के साथ मारपीट की गई। पुलिस ने साधुओं को सहायता प्रदान करते हुए हस्तक्षेप किया। एक साधु की शिकायत के आधार पर मामला शुरू किया गया है, जिसमें 12 व्यक्तियों की गिरफ्तारी हुई है और जांच जारी है।