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क्षय रोग से मुक्ति: नई तकनीकें और उम्मीदें

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क्षय रोग से मुक्ति: नई तकनीकें और उम्मीदें
क्षय रोग से मुक्ति: नई तकनीकें और उम्मीदें

भारत में क्षय रोग (टीबी) से निपटने में नई तकनीकों को अपनाने की तत्काल आवश्यकता है। चिकित्सा प्रौद्योगिकी में देरी से परिवर्तनकारी प्रभाव कम हो जाते हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा दवा प्रतिरोधी क्षय रोग के लिए नई उपचार पद्धति को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की सिफारिश के कुछ ही वर्षों बाद शुरू करने का निर्णय एक सराहनीय कदम है। हाल ही में सरकार ने BPaLM पद्धति को मंजूरी दी है, जिसमें बेडाक्विलिन, प्रीटोमेनाइड, लाइनज़ोलिड और मोक्सीफ्लोक्सासिन चार दवाएँ शामिल हैं। इस पद्धति से बेहतर परिणाम मिलने, उपचार की अवधि कम होने और बहु-दवा प्रतिरोधी क्षय रोग (MDR-TB) से पीड़ित व्यक्तियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार होने के प्रमाण मिले हैं। MDR-TB वह क्षय रोग है जो आइसोनियाजिड और रिफैम्पिसिन जैसी पहले की प्रमुख दवाओं से प्रतिरोधी होता है। यह कदम उस देश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है जिसने स्वेच्छा से वर्ष 2025 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य रखा है, जो संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों के तहत वैश्विक लक्ष्य से पाँच वर्ष पहले का है। टीबी उन्मूलन का अर्थ है कि 10 लाख की आबादी में एक से कम टीबी का मामला होना चाहिए। पारंपरिक उपचार 20 महीने तक चल सकते हैं, और रोगी को गंभीर दुष्प्रभाव झेलने पड़ते हैं। BPaLM पद्धति से छह महीने में ही दवा प्रतिरोधी टीबी ठीक हो जाती है, और इसकी सफलता दर उच्च है। यह भारत के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि लगभग 75,000 दवा प्रतिरोधी टीबी से पीड़ित लोग अब इस छोटे और सस्ते उपचार पद्धति पर स्विच कर सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम निस्संदेह उपचार के परिणामों में सुधार करेगा और हजारों रोगियों की मदद करेगा।

BPaLM पद्धति: एक नया आशा किरण

उपचार की अवधि में कमी

BPaLM पद्धति का सबसे बड़ा लाभ उपचार की अवधि में कमी है। पारंपरिक उपचार विधियों के मुकाबले यह पद्धति काफी कम समय में प्रभावी परिणाम देती है। यह न केवल रोगियों के लिए समय की बचत करती है बल्कि उन्हें गंभीर दुष्प्रभावों से भी बचाती है। छह महीने के उपचार के दौरान, रोगी अपने सामान्य जीवन में वापस आ सकते हैं और आर्थिक रूप से भी मजबूत हो सकते हैं।

उच्च सफलता दर और बेहतर जीवन स्तर

यह पद्धति उच्च सफलता दर के साथ MDR-TB को ठीक करने में सक्षम है। इसका अर्थ है कि अधिक रोगी इस घातक बीमारी से मुक्त हो सकेंगे। उपचार अवधि कम होने से रोगियों का जीवन स्तर बेहतर होता है, वे अपनी पढ़ाई, काम और परिवार पर ध्यान दे सकते हैं। इससे रोगियों में मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।

लागत प्रभावशीलता

BPaLM पद्धति न केवल प्रभावी है बल्कि लागत प्रभावी भी है। लंबे उपचार की तुलना में कम लागत होने से स्वास्थ्य प्रणाली पर बोझ कम होता है और अधिक लोगों तक उपचार पहुँच सकता है। इस प्रकार सरकार कम खर्च में अधिक लोगों तक पहुंच बना पाएगी, जिससे टीबी उन्मूलन के लक्ष्य तक पहुँचना आसान हो जाएगा।

भारत में टीबी उन्मूलन के प्रयास

तेज़ी से जाँच और निदान

सरकार द्वारा तेजी से आणविक परीक्षणों को अपनाने से MDR-TB के मामलों का पता लगाने में काफी सुधार हुआ है। यह समय पर इलाज शुरू करने और बेहतर परिणाम प्राप्त करने में मदद करता है। जल्दी पता लगाने से संक्रमण के प्रसार को रोका जा सकता है और अन्य लोगों को संक्रमित होने से बचाया जा सकता है।

निःक्षय मित्र योजना

निःक्षय मित्र योजना के माध्यम से रोगियों को वित्तीय, पौष्टिक और सामाजिक सहायता प्रदान की जा रही है। इस योजना ने टीबी के मरीज़ों के उपचार में बहुत मदद की है। यह योजना रोगियों को मानसिक रूप से मजबूत बनाने और उनकी जीवन शैली को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

प्रत्यक्ष निरीक्षण चिकित्सा (DOTS) कार्यक्रम

भारत ने प्रत्यक्ष निरीक्षण चिकित्सा (DOTS) कार्यक्रम शुरू करके टीबी की देखभाल में क्रांति ला दी थी। इस कार्यक्रम के द्वारा दवाओं का पर्यवेक्षित प्रशासन किया जाता था और इसका सफल परिणाम रहा। यह एक ऐतिहासिक सफलता थी जो विश्व को प्रभावित करती है, इसने अन्य देशों को भी अपने टीबी कार्यक्रमों को बदलने के लिए प्रोत्साहित किया है।

भविष्य की रणनीतियाँ

निरंतर अनुसंधान और नवाचार

टीबी उन्मूलन के लिए निरंतर अनुसंधान और नवाचार आवश्यक हैं। नई दवाओं और उपचार विधियों का विकास जारी रखना चाहिए। नई प्रौद्योगिकियों का उपयोग कर टीबी रोग का पता लगाना और उपचार करना बहुत आवश्यक है।

सभी स्तरों पर जागरूकता

जनता में टीबी के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है। लोगों को टीबी के लक्षणों के बारे में पता होना चाहिए ताकि वे समय पर उपचार ले सकें। प्रारंभिक निदान और उचित उपचार से टीबी से होने वाली मौतों को रोका जा सकता है।

मजबूत स्वास्थ्य प्रणाली

टीबी उन्मूलन के लिए एक मजबूत स्वास्थ्य प्रणाली आवश्यक है। इसके लिए स्वास्थ्य कर्मचारियों को प्रशिक्षित करना और उन्हें संसाधन उपलब्ध कराना आवश्यक है। टीबी के खिलाफ़ लड़ाई में हर व्यक्ति की भूमिका आवश्यक है और हर व्यक्ति को जागरूक और सक्रिय रूप से इस रोग के प्रति समर्पित होना चाहिए।

उपसंहार

भारत में टीबी उन्मूलन के लिए किए गए प्रयासों से महत्वपूर्ण सफलताएँ मिली हैं। BPaLM पद्धति के आगमन से MDR-TB से पीड़ित रोगियों को बहुत फायदा होगा। लेकिन टीबी उन्मूलन के लिए एक समग्र दृष्टिकोण और विभिन्न क्षेत्रों में निरंतर प्रयासों की आवश्यकता है, जिसमें नवाचार, जागरूकता और मजबूत स्वास्थ्य प्रणाली शामिल हैं। सरकार और जनता को मिलकर काम करने से भारत टीबी उन्मूलन के अपने लक्ष्य तक पहुँच सकता है।

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