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घर बैठे बुजुर्गों की आँखों की संपूर्ण देखभाल

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घर बैठे बुजुर्गों की आँखों की संपूर्ण देखभाल
घर बैठे बुजुर्गों की आँखों की संपूर्ण देखभाल

तेलंगाना के हैदराबाद और सिर्सीला में बुजुर्गों को अब घर पर ही आँखों की देखभाल की सुविधा मिलेगी। एलवी प्रसाद नेत्र संस्थान (LVPEI) और स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक ने मिलकर ‘LVPEI@Home’ पहल शुरू की है। इस पहल से निवासियों को संस्थान को फोन करके प्रशिक्षित तकनीशियन से घर पर ही जाँच करवाने की सुविधा मिलती है। यह सेवा सभी के लिए उपलब्ध है, लेकिन इसका मुख्य ध्यान उन वृद्ध व्यक्तियों पर है, जिन्हें पारंपरिक स्वास्थ्य सेवा तक पहुँचने में अक्सर परेशानी का सामना करना पड़ता है। एलवीपीईआई के संचालन निदेशक डॉ. सूर्यानता राठ ने बताया कि कोविड -19 महामारी के दौरान गंभीर आँखों की बीमारियों से पीड़ित मरीजों को लगातार देखभाल सुनिश्चित करने के लिए संस्थान ने इस सेवा की शुरुआत की थी। यह पहल बुजुर्गों के लिए आँखों की देखभाल के क्षेत्र में एक क्रांति लाने वाली है, जो कि देश में तेज़ी से बढ़ रही आबादी की ज़रूरतों को पूरा करती है।

घर बैठे आँखों की जाँच

तकनीकी सुविधाएँ और जाँच प्रक्रिया

‘LVPEI@Home’ पहल के अंतर्गत, एक प्रशिक्षित तकनीशियन पोर्टेबल उपकरणों का उपयोग करके घर पर ही पूरी आँखों की जाँच करता है। इसमें रिफ्रैक्शन जाँच, पूर्वकाल खंड परीक्षा, इंट्राओकुलर प्रेशर का आकलन और आँख के भीतर के भाग की जाँच (फंडस मूल्यांकन) शामिल है। जाँच के बाद, मरीज का एलवीपीईआई के डॉक्टर के साथ टेली-परामर्श होता है और एक विस्तृत ई-मेडिकल रिपोर्ट उनके फोन पर भेज दी जाती है, जिसमें आगे के इलाज की योजना भी शामिल होती है। यदि मरीज को चश्मे की आवश्यकता होती है, तो एलवीपीईआई उन्हें घर पर पहुँचाने की सुविधा भी देता है।

लागत और पहुँच

शहरी क्षेत्रों में घर पर जाँच करवाने का शुल्क ₹1,000 है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह ₹400 है। यह पहल पूरे देश में एलवीपीईआई के सभी पाँच तृतीयक केंद्रों और आंध्र प्रदेश और ओडिशा में दो और माध्यमिक केंद्रों, तेलंगाना के सिर्सीला के अलावा, में शुरू की गई है। गरीब बुजुर्ग व्यक्तियों को मुफ्त चश्मा और मोतियाबिंद सर्जरी भी मिल सकती है। यह पहल उन बुजुर्गों के लिए एक वरदान साबित होगी जो अपनी उम्र या शारीरिक कमज़ोरी के कारण अस्पताल तक नहीं पहुँच पाते।

बढ़ती बुजुर्ग आबादी और स्वास्थ्य सेवाएँ

भारत में बुजुर्ग आबादी का बढ़ना

संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष की भारत एजिंग रिपोर्ट 2023 के अनुसार, वर्तमान में 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के 149 मिलियन लोग हैं, और 2050 तक यह संख्या लगभग दोगुनी होने की उम्मीद है। यह एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय है क्योंकि बुजुर्गों को स्वास्थ्य सेवाओं की अधिक आवश्यकता होती है। इस तेजी से बढ़ती बुजुर्ग आबादी की चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता को पूरा करने के लिए नए और इनोवेटिव मॉडल की आवश्यकता है।

पारंपरिक स्वास्थ्य सेवा प्रणाली पर दबाव

भारत में, स्वास्थ्य सेवा प्रणाली पहले से ही भारी दबाव में है। पारंपरिक स्वास्थ्य सेवा केंद्रों पर बढ़ते मरीजों के बोझ को कम करने के लिए, नई पहलें अत्यंत आवश्यक हैं। ‘LVPEI@Home’ जैसी पहल पारंपरिक स्वास्थ्य सेवा प्रणाली पर पड़ने वाले बोझ को कम करके और अधिक लोगों को सेवाएँ उपलब्ध कराकर, एक व्यावहारिक समाधान प्रदान करती है। यह न केवल कुशलता बढ़ाता है, बल्कि आर्थिक रूप से भी फ़ायदेमंद है, क्योंकि यह मरीज़ों को अस्पताल जाने के खर्चे से बचाता है।

LVPEI@Home पहल की सफलता और भविष्य

एक सफल पहल

LVPEI@Home पहल बुजुर्गों और दृष्टिबाधित लोगों को घर पर ही आँखों की जाँच और उपचार की सुविधा प्रदान करके एक सफल उदाहरण है। इसने घर पर ही स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के नये आयाम खोले हैं। यह पहल न केवल आसान पहुँच प्रदान करती है, बल्कि व्यक्तिगत देखभाल और निगरानी भी सुनिश्चित करती है।

भविष्य के लिए योजनाएँ

एलवीपीईआई ने इस पहल को और व्यापक बनाने की योजना बनाई है, ताकि यह देश के और अधिक क्षेत्रों में उपलब्ध हो सके। यह भविष्य में अन्य स्वास्थ्य सेवाओं को भी घर पर पहुँचाने के लिए एक आधार बना सकती है। इस पहल की सफलता से अन्य स्वास्थ्य संस्थानों को भी इसी तरह की पहल करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे देश के बुजुर्गों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ मिल सकेंगी।

साझेदारी और निष्कर्ष

स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक की भागीदारी

स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक के ‘सीइंग इज़ बिलीविंग’ कार्यक्रम के अंतर्गत एलवीपीईआई के साथ साझेदारी ने इस पहल को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह एक आदर्श उदाहरण है कि कैसे निजी क्षेत्र सार्वजनिक स्वास्थ्य में योगदान दे सकता है। ऐसी साझेदारियाँ अधिक संसाधन जुटाने और व्यापक पहुँच बनाने में सहायक होती हैं।

निष्कर्ष और महत्वपूर्ण बिन्दु

यह पहल भारत में तेजी से बढ़ रही बुजुर्ग आबादी के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच को बढ़ाती है, बल्कि पारंपरिक स्वास्थ्य सेवा प्रणाली पर पड़ने वाले बोझ को कम करने में भी मदद करती है। इस पहल से यह संदेश भी जाता है कि प्रौद्योगिकी और नवाचार का उपयोग करके, हम सभी के लिए स्वास्थ्य सेवा को और अधिक सुलभ और प्रभावी बना सकते हैं।

मुख्य बिन्दु:

  • LVPEI@Home पहल से बुजुर्गों को घर पर आँखों की जाँच की सुविधा मिलती है।
  • यह सेवा सभी के लिए उपलब्ध है, खासकर बुजुर्गों के लिए।
  • घर पर जाँच की लागत शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में अलग-अलग है।
  • गरीब बुजुर्गों को मुफ्त चश्मे और मोतियाबिंद सर्जरी की सुविधा भी मिल सकती है।
  • यह पहल भारत में बढ़ती बुजुर्ग आबादी की स्वास्थ्य सेवा ज़रूरतों को पूरा करने में मदद करेगी।
  • स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक ने इस पहल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
  • इस पहल से अन्य स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को भी इसी तरह की पहल करने का प्रोत्साहन मिलेगा।
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