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शुरू हो चुका है सीजन मच्छरों से पनपने वाली बीमारियां- डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया का कैसे करे इनसे बचाव जानें

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नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने डेंगू के खिलाफ महाअभियान छेड़ने का ऐलान किया है। उन्होंने बुधवार को कहा कि 1 सितंबर से 10 हफ्ते, सुबह 10 बजे, 10 मिनट, हर रविवार, डेंगू पर वार का यह अभियान शुरू होगा। डेंगू और चिकनगुनिया के पनपने का सीजन शुरू हो चुका है। ऐसे में इन जानलेवा बीमारियों से बचने के लिए सीएम केजरीवाल ने एक नई पहल की शुरुआत की है।

हर रविवार 10 बजे, 10 मिनट करें घर की चेकिंग
सीएम केजरीवाल ने कहा कि अगले दस हफ्ते तक दिल्लीवालों को हर रविवार को 10 मिनट अपने घर की चेकिंग करनी है और देखना है कि कहीं डेंगू के मच्छर उनके घर के किसी कोने में तो नहीं पनप रहे। कहीं गमले में, कूलर में, कोई छोटी सी भी जगह में पानी तो इकट्ठा नहीं हो रहा। अगर हो रहा हो तो उसको साफ करना है। कूलर आदि में तेल डालना है ताकि मच्छर के अंडे खत्म हो जाएं।

डेंगू की रोकथाम के लिए कड़े कदम
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे देश के आंकड़ों को देखें तो 2009 से 2017 के बीच में पूरे देश में 300 प्रतिशत डेंगू और चिकनगुनिया का प्रकोप बढ़ा है। सबसे ज्यादा मौत डेंगू और चिकनगुनिया के कारण 2017 में हुई थीं। साल 2015 में 15 हजार 867 डेंगू के मामले सामने आए थे जिसमें से 60 लोगों की मौत हो गई थी जिसके बाद सरकार ने डेंगू की रोकथाम के खिलाफ कड़े कदम उठाए।

3 साल में डेंगू और चिकनगुनिया के मामलों में 80% की कमी
लेकिन दिल्ली में सरकार के प्रयासों और जनता की भागीदारी से डेंगू और चिकनगुनिया दोनों पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है। 3 साल के अंदर 80 प्रतिशत डेंगू और चिकनगुनिया के मामले कम हुए हैं। साल 2018 में डेंगू के सिर्फ 2 हजार 798 मामले सामने आए थे। चिकगुनिया की बात करें तो 2016 में जहां इसके 7 हजार 760 मामले सामने आए थे वहीं, 2017 में 559 और 2018 में सिर्फ 165 मामले।

200 मीटर से ज्यादा ऊंचे नहीं उड़ पाते डेंगू के मच्छर
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल इस कैंपेन की शुरुआत अपने घर से करेंगे और हर रविवार को सुबह 10 बजे, 10 मिनट के लिए अपने घर की चेकिंग करेंगे कि कहीं डेंगू के मच्छर तो नहीं पनप रहे। यह कैंपेन 10 हफ्ते तक चलेगा। केजरीवाल ने कहा, डेंगू फैलाने वाले मच्छर 200 मीटर से ज्यादा ऊंचाई पर उड़ नहीं सकते। इसलिए अगर आप अपने आसपास के वातावरण को साफ सुथरा रखें तो इस जानलेवा बीमारी की चपेट में आने की आशंका कम हो जाती है।

गलत इलाज से जानलेवा साबित हो सकता है डेंगू

डेंगू अपने पांव पसार चुका है। दिल्ली में अक्टूबर के 6 दिनों में ही अब तक 169 नए मामलों की पुष्टि हो चुकी है। डॉक्टरों का कहना है कि जिस तरह से आंकड़ों में तेजी आई उससे लगता है कि अभी डेंगू और फैलेगा। शुरुआत में सामान्य-सा लगने वाला डेंगू बुखार देरी या गलत इलाज से जानलेवा साबित हो सकता है। डेंगू बरसात के मौसम और उसके फौरन बाद के महीनों यानी जुलाई से अक्टूबर में सबसे ज्यादा फैलता है क्योंकि इस मौसम में मच्छरों के पनपने के लिए अनुकूल परिस्थितियां होती हैं। लिहाजा सबसे जरूरी है कि खुद को और परिवार के सदस्यों को मच्छरों के काटने से बचाया जाए। अगर किसी को डेंगू हो जाए तो घबराने की बजाए उचित इलाज और घरेलू नुस्खों के जरिए बीमारी को दूर किया जा सकता है…

एडीज इजिप्टी मच्छर के काटे जाने के करीब 3-5 दिनों के बाद मरीज में डेंगू बुखार के लक्षण दिखने लगते हैं। साधारण डेंगू बुखार के लक्षण- ठंड लगने के बाद अचानक तेज बुखार चढ़ना, सिर, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द होना, जो आंखों को दबाने या हिलाने से और बढ़ जाता है, बहुत ज्यादा कमजोरी लगना, भूख न लगना और जी मितलाना और मुंह का स्वाद खराब होना, गले में हल्का-सा दर्द होना, शरीर खासकर चेहरे, गर्दन और छाती पर लाल-गुलाबी रंग के रैशेज होना।

आयुर्वेद में गिलोय का बहुत महत्व है। 1 कप पानी में 1 चम्मच गिलोय का रस मिलाएं। अगर गिलोय की डंडी मिलती है तो 4 इंच की डंडी लें। उस बेल से लें, जो नीम के पेड़ पर चढ़ी हो। आप चाहें तो इसमें अदरक को मिलाकर पानी को उबालें और काढ़ा बनाएं और 5 दिन तक पिएं। आप चाहें तो इसमें थोड़ा-सा नमक मिलाकर दिन में 2 बार, सुबह नाश्ते के बाद और रात में डिनर से पहले लें।

पपीते के पत्ते का रस डेंगू फीवर के ड्यूरेशन को कम करता है, अस्पताल में मरीज के ठहराव को कम करता है, बॉडी से फ्लूइड लीक नहीं होने देता और वाइट ब्लड सेल्स (WBC) और प्लेटलेट्स की संख्या को बढ़ाता है। डेंगू का बुखार कन्फर्म होने के पहले दिन से ही पपीते के पत्ते का रस मरीज को दिया जा सकता है क्योंकि अभी तक इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं देखा गया है।

आयुर्वेदाचार्य सुशीला दहिया का कहना है कि ‘बकरी का दूध सुपाच्य होता है। आयुर्वेद की किताबों में यह बताया गया है कि बकरी का दूध डेंगू के बुखार से निकलने में काफी कारगर होता है।’

खाने में हल्दी का इस्तेमाल ज्यादा करें। सुबह आधा चम्मच हल्दी पानी के साथ या रात को आधा चम्मच हल्दी एक गिलास दूध या पानी के साथ लें। लेकिन अगर आपको- नजला, जुकाम या कफ आदि हो तो दूध न लें। तब आप हल्दी को पानी के साथ ले सकते हैं। ऐंटिऑक्सिडेंट्स से भरपूर हल्दी शरीर का मेटाबॉलिज्म बढ़ाती है।

8 से 10 तुलसी के पत्तों का रस शहद के साथ मिलाकर लें या तुलसी के 10 पत्तों को पौने गिलास पानी में उबालें। इसमें 2 काली मिर्च और अदरक भी डाल सकती हैं। जब यह पानी आधा रह जाए तब गैस बंद कर दें और तुलसी के काढ़े को सुबह-शाम पिएं। शरीर की इम्यूनिटी स्ट्रॉन्ग होगी और बीमारी दूर।(नोट: डॉक्टर की सलाह के बिना इन घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल अपने मन से न करें)


अब तक डेंगू के 57 मामलों की पुष्टि

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इस साल दिल्ली में डेंगू के 57 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। 123 नए मामले डेंगू के आए हैं, जो दिल्ली से बाहर के हैं। इसी तरह अब तक 111 मामले मलेरिया के दिल्ली में आ चुके हैं। वहीं, 183 मामले दिल्ली के बाहर आए हैं। वहीं, चिकनगुनिया के अब तक दिल्ली में सिर्फ 20 मामले आए हैं। 28 मामले दिल्ली से बाहर के आए हैं।

मच्छरों से होती हैं कई बीमारियां

मच्छरों को दूर रखने के लिए समय-समय पर घर की साफ सफाई बेहद जरूरी है। खासकर, अगर आपके घर के आसपास पानी जमा है तो उसे हटाना आवश्यक है। मच्छरों के काटने से कई तरह की बीमारियां होती हैं जिनमें डेंगू, मलेरिया आम हैं। लेकिन डेंगू-मलेरिया के अलावा भी कई घातक बीमारियां मच्छरों के कारण होती हैं।

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