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केंद्र इस राज्य में खेल रहा है सांप सीढ़ी का खेल: दिल्ली हाईकोर्ट

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केंद्र इस राज्य में खेल रहा है सांप सीढ़ी का खेल: दिल्ली हाईकोर्ट

 

 

दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को कहा कि दिल्ली में पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ाने के मुद्दे पर केंद्र सरकार सांप-सीढी का खेल, खेल रही है जबकि यह महानगर बिल्कुल सुरक्षित नहीं है. उच्च न्यायालय ने हाल ही में 11 महीने की बच्ची से बलात्कार की घटना का संज्ञान लेते हुए यह टिप्पणी की.

न्यायमूर्ति एस. रविन्द्र भट्ट और न्यायमूर्ति संजीव सचदेव की पीठ इस बात से नाराज थी कि दिल्ली पुलिस ने अभी तक पुलिसकर्मियों के मंजूर 4227 पदों में से आधे पदों पर भी नियुक्तयां नहीं की हैं. पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ाने और अपराध जांच को कानून-व्यवस्था से पृथक् करने के लिए ये भर्तियां होनी हैं.

अदालत इस बात से भी नाखुश थी कि केंद्र सरकार महानगर के लिए करीब 14 हजार और पुलिसकर्मियों के पद को मंजूरी देने के निर्णय पर अभी तक नहीं पहुंची है. गृह मंत्रालय की मंजूरी के बावजूद जुलाई 2015 से यह वित्त मंत्रालय के समक्ष लंबित है.

पीठ ने यह भी कहा कि यह सांप सीढी के खेल की तरह है. हम वृत्ताकार घूम रहे हैं. इसी तरह के आदेश बार-बार दिये जा रहे हैं. हम नहीं चाहते कि नागरिक किसी गतिरोध में फंसें. स्पष्ट रूप से दिल्ली सुरक्षित स्थान नहीं है. महानगर में छोटी बच्चियों से बलात्कार हो रहा है, तो हम चुप नहीं बैठ सकते.पीठ ने कहा कि अदालत की राय है कि 14,753 कार्मिकों की मंजूरी देने की व्यावहारिकता पर विचार करे, जिसे बाद में करीब 12,528 कर दिया गया. मसला अब नौकरशाही के दलदल में फंस गया है. अदालत ने अतिरक्त सॉलिसीटर जनरल संजय जैन को 16 नवंबर को यह बताने का निर्देश दिया कि क्या इस प्रक्रिया को गति प्रदान करने के लिये दोनों मंत्रियों को शामिल करने की आवश्यकता है.

अदालत ने 16 दिसंबर, 2012 के निर्भया सामूहिक बलात्कार काण्ड के बाद दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान ये टिप्पणियां की.

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