यरुशलम। फलस्तीन में डीजल-पेट्रोल की किल्लत से इलाके के हालात हर बीतते क्षण के साथ बदतर होते जा रहे हैं। अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्र एक-एक करके बंद होते जा रहे हैं और उनके गंभीर मरीज जान गंवाते जा रहे हैं। गाजा में मौजूद संयुक्त राष्ट्र के दल की हालत भी खराब है।
फिलस्तीन के अतिवादी संगठन हमास ने 200 से ज्यादा बंधकों की रिहाई के लिए गाजा में बमबारी रोके जाने और युद्धविराम घोषित किए जाने की शर्त रखी है, जबकि इजरायल ने कहा है कि वह गाजा में बड़े जमीनी हमले की तैयारी कर रहा है। फिलहाल यह कार्रवाई अमेरिका और अरब देशों के अनुरोध से रुकी हुई है। ये देश गाजा में बड़ी संख्या में आमजनों की मौत वास्ता देकर इजरायल से जमीनी कार्रवाई जल्द शुरू न करने के लिए कह रहे हैं। इस बीच गाजा के सीमावर्ती इलाकों में घुसकर इजरायली सेना ने बीती रात और शुक्रवार को भी कुछ घंटे की कार्रवाई की।
गाजा पट्टी में शुक्रवार को भी इजरायली बमबारी जारी रही। इसके चलते वहां पर मरने वालों की कुल संख्या बढ़कर 7,326 हो गई है, जिनमें 3,038 बच्चे हैं। इजरायल की कार्रवाई के जवाब में गाजा से हमास के लड़ाके भी इजरायली शहरों पर राकेट दाग रहे हैं। इजरायल ने कहा है कि उसकी हवाई कार्रवाई में हमास के तीन वरिष्ठ कमांडर मारे गए हैं। इन कमांडरों की इजरायल पर सात अक्टूबर के हमले में प्रमुख भूमिका थी।
हमास के प्रतिनिधिमंडल के सदस्य अबू हामिद ने रूस में कहा है कि सात अक्टूबर को विभिन्न संगठनों द्वारा इजरायल से अगवा किए गए लोगों की गाजा में तलाश के लिए समय चाहिए। इसलिए गाजा में युद्धविराम जरूरी है। उन्होंने कहा है कि अभी तक चार बंधकों को बिना शर्त छोड़ा गया है। इसलिए निर्दोष नागरिकों की रिहाई की हमारी इच्छा पर किसी को संदेह नहीं करना चाहिए। हमास ने कहा कि गाजा में इजरायली बमबारी में आम फलस्तीनी ही नहीं, बंधक भी मारे जा रहे हैं। हाल के दिनों में 50 बंधकों की मौत इस बात का सुबूत है।
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