Home राष्ट्रीय प्रदर्शनकारी पहलवानों का समर्थन करने वाले हरियाणा के मंत्री अपने सहयोगी पर...

प्रदर्शनकारी पहलवानों का समर्थन करने वाले हरियाणा के मंत्री अपने सहयोगी पर लगे आरोपों पर चुप

34
0

भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पहलवानों के समर्थन में उतरे हरियाणा के गृह मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अनिल विज ने कहा है कि वह मुद्दे को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करने के लिए केंद्र सरकार के अधिकारियों के साथ उठाएंगे। लेकिन उनके आलोचक एक जूनियर कोच द्वारा उनके कैबिनेट सहयोगी संदीप सिंह पर छेड़खानी के आरोप पर विज की चुप्पी पर सवाल उठा रहे हैं।

विज, जो अभी-अभी ऑस्ट्रेलिया के अपने दौरे से लौटे हैं, ने अपने गृहनगर अंबाला में मीडिया को बताया, मैं खेल मंत्री रहा हूं और खिलाड़ियों का पूरा समर्थन करता हूं। मामले को उच्चतम स्तर पर उठाया जा रहा है, लेकिन अगर मुझे केंद्र में उच्च अधिकारियों से बात करने की आवश्यकता होगी, तो मैं ऐसा करूंगा ताकि इस मुद्दे को सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझाया जा सके। विरोध करने वाले ज्यादातर पहलवान हरियाणा के हैं। वे दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना दे रहे हैं, जहां संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि बड़ी संख्या में किसान एकजुटता दिखाने के लिए इकट्ठा हो रहे हैं।

उन्होंने कहा कि पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई किसान विरोध स्थल का दौरा करेंगे। विडंबना यह है कि भाजपा के मुखर नेता विज पहलवानों का समर्थन करते रहे हैं लेकिन अपने कैबिनेट सहयोगी पर लगे आरोपों पर चुप्पी साधे हुए हैं। कोच ने 31 दिसंबर, 2022 को अपनी शिकायत में तत्कालीन खेल मंत्री संदीप सिंह पर यौन उत्पीड़न, पीछा करने, धमकी देने और उनका यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था। सिंह ने खेल पोर्टफोलियो से इस्तीफा दे दिया, लेकिन खट्टर सरकार के मंत्रिमंडल में मंत्री बने रहे।

दो दिन पहले प्रिंटिंग एंड स्टेशनरी राज्य मंत्री रहे संदीप सिंह ने कथित छेड़छाड़ मामले में लाई डिटेक्टर या पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए अपनी सहमति देने से इनकार कर दिया था। मंत्री ने चंडीगढ़ पुलिस द्वारा अपना लाई-डिटेक्टर टेस्ट या पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की अनुमति मांगने वाले आवेदन पर विस्तृत जवाब दिया है।

Text Example

Disclaimer : इस न्यूज़ पोर्टल को बेहतर बनाने में सहायता करें और किसी खबर या अंश मे कोई गलती हो या सूचना / तथ्य में कोई कमी हो अथवा कोई कॉपीराइट आपत्ति हो तो वह jansandeshonline@gmail.com पर सूचित करें। साथ ही साथ पूरी जानकारी तथ्य के साथ दें। जिससे आलेख को सही किया जा सके या हटाया जा सके ।