डेस्क। लिज ट्रस ने 6 सितंबर को पीएम पद संभाला था और महज 45 दिनों के कार्यकाल के बाद उन्हें अपना इस्तीफा देना पड़ा। इस दौरान उनके सामने किस तरह की चुनौतियां आईं आज इसके बारे में जानिए।
लिज ट्रस के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के साथ ही ब्रिटेन में सियासी संकट का नया दौर शुरू होता दिखाई दे रहा है। लिज ट्रस महज 45 दिन ही पीएम पद पर बनी रह सकीं वहीं अब कंजरवेटिव पार्टी में नए पीएम के लिए नए सिरे से दौड़ भी शुरू हो गई है। इस दौड़ में ऋषि सुनक और पूर्व पीएम बोरिस जॉनसन का नाम सबसे आगे नजर है।
आइए समझने की कोशिश करते हैं कि किस तरह लिज ट्रस ने पीएम पद संभाला था और 45 दिनों के कार्यकाल में उनके सामने किस तरह की चुनौतियां आईं की उनका पद उसने छीन लिया गया।
6 सितंबरः लिज ट्रस ने पार्टी नेता के रूप में बोरिस जॉनसन की जगह ली और पीएम पद पर काबिज हुई। लेकिन मात्र 45 दिन बाद उनको इस्तीफा देना पड़ा। वहीं पिछला रिकॉर्ड जॉर्ज कैनिंग का था जिन्होंने 119 दिन तक पीएम पद संभाला था। साथ ही उनकी 1827 में कार्यालय में ही मौत हो गई थी।
8 सितंबरः क्वीन एलिजाबेथ 2 की मृत्यु हुई और पूरे ब्रिटेन में शोक की लहर दौड़ पड़ी। रानी ने लिज ट्रस को उनकी मृत्यु से कुछ दिन पहले ही नियुक्त किया था और उनका नेतृत्व 10 दिनों के शोक की अवधि के साथ प्रारंभ हुआ था।
23 सितंबरः वित्त मंत्री क्वासी क्वार्टेंग ने मिनी बजट पेश किया वहीं लिज ट्रस के समर्थन से क्वासी क्वार्टेंग ने अपने तीसरे सप्ताह में 45 बिलियन पाउंड टैक्स कटौती कार्यक्रम भी शुरू किया था, जिसे उन्होंने मिनी-बजट नाम दिया था। लेकिन इसे व्यापक रूप से बड़ी आर्थिक समस्याएं पैदा करने की वजह भी बताया गया। और ट्रस के उस समय यह कहने के बावजूद कि यह एक सही काम था बाद में क्वार्टेंग के लगभग सभी फैसलों को उलट दिया गया और उन्हें बर्खास्त किया गया।
26 सितंबरः डॉलर के मुकाबले पाउंड अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंचा चुका है वहीं इसमें मिनी बजट नाकाम रहा।
3 अक्तूबरः लिज ट्रस और क्वार्टेंग ने टैक्स कटौती का फैसला भी वापस लिया है।
14 अक्तूबरः लिज ने क्वार्टेंग को बर्खास्त कर जेरेमी हंट को नया वित्त मंत्री नियुक्त किया। इसके बाद से ही दर्जनों टोरी सांसदों ने उनसे पद छोड़ने की अपील करनी शुरू कर दी।
20 अक्तूबरः लिज ट्रस ने इस्तीफा दिया और इस इस्तीफे के बाद डाउनिंग स्ट्रीट में अपने भाषण में उन्होंने कहा, मैं मानती हूं कि मैं वह कार्य पूरा नहीं कर सकी जिस पर मुझे कंजरवेटिव पार्टी द्वारा चुन लिया गया था। वहीं अब चार साल में चौथे पीएम का चुनाव होगा।
अगले सप्ताह के भीतर पार्टी में दोबारा नेतृत्व की लड़ाई भड़क सकती है। वहीं जब तक कोई नेता ट्रस की जगह नहीं लेता, वह नेता के रूप में पद पर बनी रहेंगी। केवल कंजर्वेटिव सांसदों और पार्टी के सदस्यों को ही उन्हें नेता बनाने के लिए वोट देना होगा।
सुनक सांसदों के वोट में आगे रहे, लेकिन सदस्यों के अंतिम वोट में 80,000 से अधिक सुनक के बजाय उन्हें पड़ जिससे वह विजेता बन गईं थी।
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