Home राष्ट्रीय भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता कैसे बनें जवाहरलाल नेहरू

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता कैसे बनें जवाहरलाल नेहरू

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जवाहरलाल नेहरू का राजनीतिक इतिहास:

नेहरू जी का राजनीतिक सफर 1920 में गांधीजी के आदर्शों का पालन करते हुए शुरू हुआ, जब वे गांधीजी के साथ खिलाफत आंदोलन और स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिए। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य बन गए और गांधीजी के साथ आंदोलनों में भाग लिए, जिनमें नमक सत्याग्रह और व्यक्तिगत असहमति के बावजूद अनिवार्य थे।

नेहरू जी का राजनीतिक संरक्षण महत्वपूर्ण रूप से पांच सालों के भ्रष्टाचार और आराजकता के बाद शुरू हुआ, जिसके बाद वे स्वतंत्रता संग्राम के नेतृत्व में आए। उन्होंने ब्रिटिश साशन के खिलाफ भारतीय जनता को एकजुट किया और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता बने।

स्वतंत्रता संग्राम के बाद, जवाहरलाल नेहरू 1947 में स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री बने और 1964 तक इस पद पर रहे। उनका प्रधानमंत्री बनना भारतीय गणराज्य के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, और उन्होंने आर्थिक और सामाजिक विकास के कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। 

जवाहरलाल नेहरू प्रधानमंत्री बनने के बाद, उन्होंने भारतीय समाज के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं बनाई। उन्होंने पंचवर्षीय योजना की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करना था।

नेहरू जी ने भारतीय संविधान के निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और सभी नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा की दिशा में कई सुधार किए। उन्होंने भारतीय संविधान के मुख्य लेखक डॉ. भीमराव अंबेडकर के साथ मिलकर इसे तैयार किया।

नेहरू जी का प्रधानमंत्री बनने के बाद, वे विश्व मामलों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाए और भारत को विश्व मंच पर प्रतिष्ठितता दिलाने के लिए कई अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर अपनी दृष्टि रखी। वे शांति और युद्धकाल के समय में भारतीय संवाददाता के रूप में अपनी भूमिका निभाते रहे।

नेहरू जी का राजनीतिक यात्रा भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण है, और उन्होंने अपने दौरे के दौरान भारतीय समाज को एक मोड़न दिशा में ले जाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। उनका योगदान आज भी हमारे देश के स्वतंत्रता और सामाजिक सुधार के प्रति याद किया जाता है।

जवाहरलाल नेहरू के विचार:

जवाहरलाल नेहरू के विचार भारतीय राजनीति और समाज के विकास में महत्वपूर्ण थे। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान और स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री के रूप में अपने विचार प्रकट किए।

सोशलिज्म: नेहरू जी का एक प्रमुख विचार था कि समाज में सामाजिक और आर्थिक न्याय स्थापित किया जाना चाहिए। उन्होंने सोशलिज्म के मूल्यों का पालन किया और समाज में गरीबी और असमानता के खिलाफ खड़े होने की बढ़ती मांग को समझा।

शिक्षा: नेहरू जी का मानना था कि शिक्षा ही एक समृद्धि और सामर्थ्य की कुंजी है। उन्होंने शिक्षा के महत्व को प्रमुखता दी और भारतीय जनता के लिए विशेष रूप से बच्चों के लिए शिक्षा के अधिकार को प्रमोट किया।

अंतरराष्ट्रीय योजनाएँ: नेहरू जी ने भारत को विश्व मंच पर मजबूत करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग को महत्वपूर्ण माना। उन्होंने नमक सत्याग्रह के समय की तरह भारत को विश्व के साथ सांघठित करने का प्रयास किया और नेहरूविय नीतियों के माध्यम से भारत की विश्व राजनीति में मान्यता हासिल करने के लिए कई अंतरराष्ट्रीय योजनाएँ बनाई।

सेक्यूलरिज्म: नेहरू जी का दूसरा महत्वपूर्ण विचार सेक्यूलरिज्म था। उन्होंने भारत को एक सेक्यूलर देश के रूप में देखा और अलग-अलग धर्मों के लोगों के साथ विविधता का समर्थन किया।

नेहरू जी के विचार भारतीय समाज के सामाजिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण थे और उनकी नेतृत्व में भारत एक मजबूत और आधुनिक राष्ट्र के रूप में विकसित हुआ।

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