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हिमाचल प्रदेश में मानसून की सक्रियता से मूसलाधार वर्षा हो रही है। राजधानी शिमला समेत राज्य के ज्यादातर हिस्सों में  पिछले तीन दिन से आफत की बारिश बरस रही है। पहाड़ दरक रहे हैं और नदियों में सुनामी आयी हैं। नदियों की शक्तिशाली लहरें  मिट्टी, सड़क, मकान, दुकानें, पुल, कारें यहां तक बड़े-बड़े होटल तिनके की तरह बहे जा रहे हैं।

जगह-जगह बारिश से भूस्खलन की घटनाओं से कई सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं। मनाली में कुदरत के कहर की जो तस्वीरें और वीडियो सामने आ रहे हैं वो किसी प्रलय से कम नहीं है। मनाली में सबसे ज्यादा तबाही देखने को मिल रही है। यहां नदी किनारे बना तीन मंजिला होटल पानी में बह गया।

मंडी का एकं खौफनाक वीडियो सामने आया है। यहां के थुनाग इलाके में पहाड़ से बड़े बड़े पेड़, मलबा पत्थर मिट्टी के साथ बहकर सड़क पर आ गया है। इस दौरान लोगों में भगदड़ मच गई। मंडी में सुकेती पर बना पुल बह गया। पंडोह में बाजार डूबा है। यहां 100 साल पुराना लाल पुल बह गया है। 

लगातार भारी बारिश के बाद ब्यास नदी में आए उफान के कारण मंडी का पंचवक्त्र मंदिर पानी में डूब गया है। बारिश के चलते चंबा में भूस्खलन और बाढ़ के कारण रास्ता बंद हो गये हैं।  चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग कई स्थानों पर भूस्खलन और बाढ़ के कारण अवरुद्ध है।

कुल्लू के कसोल इलाके में 25 लोगों का रविवार को रेस्क्यू हुआ। करीब 20 से 21 लोग किसान भवन कुल्लू में फंसे थे। जो  चारों तरफ से नदियों से घिरा हुआ था। वहां के हालात देखते हुए ग्राउंड रेस्क्यू मुश्किल था। इसके बाद होम गार्ड टीम ने रेस्क्यू किया। इन्हें दूसरे छोर पर पहुंचाया गया और सभी सुरक्षित है। 

मनाली-लेह राजमार्ग के समानांतर बहने वाली ब्यास नदी इस समय उग्र स्थिति में है। इसने अपना मार्ग बदल लिया है और अब मुख्य सड़क के किनारे बह रही है, जिसके परिणामस्वरूप इसके मार्ग में महत्वपूर्ण विनाश हुआ है। भारी बारिश के कारण हिमाचल सड़क परिवहन निगम की 403 बसें विभिन्न स्थानों पर फंस गई हैं।

मौसम विभाग के अनुसार, बिलासपुर, शिमला, सिरमौर, कुल्लू, मंडी, सोलन, किन्नौर, लाहौल स्पीति में बारिश का कहर अभी जारी रहेगा। यहां भारी से अत्यधिक बारिश हो रही है।