Narak Chaturdashi 2023: कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर नरक चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता है। नरक चतुर्दशी के दिन यमराज, माता काली या भगवान कृष्ण की पूजा आराधना की जाती है। मान्यता है नरक चतुर्दशी के दिन सुबह स्नान करने सभी को भगवान सूर्य को अर्ध्य देना चाहिए और भगवान कृष्ण की आराधना करनी चाहिए।
ऐसा करने से घर में सुख शांति बनी रहती है और जीवन सकारात्मक मार्ग पर चलता रहता है। इसके साथ ही शाम को नरक चतुर्दशी के दिन भैंसें के गोबर का दिया बनाकर काले कपड़े की बाती के साथ जलाने की मान्यता है। यह दिया भगवान यमराज को समर्पित होता है। ऐसा करने से व्यक्ति के रोग दोष दूर होंगे। घर में सुख समृद्धि आएगी और अकाल मृत्यु का संकट खत्म हो जाएगा।
क्यों मनाई जाती है नरक चतुर्दशी:
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक श्रीकृष्ण ने कार्तिक माह को कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन नरकासुर का वध किया था और ऋषि मुनियों का कल्याण किया था। इसके अलावा नरक चतुर्दशी के दिन यमराज की पूजा करने से अकाल मृत्यु का काल खत्म होता है और व्यक्ति का जीवन सुखमय व्यतीत होता है।
नरक चतुर्दशी की पूजा विधि:
नरक चतुर्दशी के दिन व्यक्ति को साफ़-सुथरे कपड़े पहनने चाहिए और घर में साफ़ सफाई करनी चाहिए। इसके बाद सुबह भगवान कृष्ण, माता काली और यमराज की पूजा करनी चाहिए। सभी को धुप,दीप कुमकुम अर्पित करना चाहिए। शाम को घर में भैंसे को गोबर का बना दिया जलाना चाहिए।
अभ्यंग स्नान मुहूर्त:
अभ्यंग स्नान का समय 12 नवंबर 2023 को सुबह 05 बजकर 28 मिनट से 06 बजकर 41 मिनट तक है।
नरक चतुर्दशी समय:
नरक चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 11 नवंबर 2023 को दोपहर 01 बजकर 57 मिनट से हो रही है। इस तिथि का समापन अगले दिन 12 नवंबर 2023 को दोपहर 02 बजकर 44 मिनट पर होगा।