लखनऊ। उत्तर प्रदेश में लगातार प्रवासी मजदूरों (Migrant Labours) के साथ हादसे हो रहे हैं। इसी क्रम में शनिवार को हुए औरैया हादसे (Auraiya Hadsa) के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने एक बार फिर अधिकारियों को सचेत किया है। सीएम योगी ने निर्देश दिए हैं कि राज्य के सीमा क्षेत्रों में कोई भी प्रवासी कामगार/श्रमिक पैदल, बाइक या ट्रक आदि अवैध और असुरक्षित वाहन से न आने पाए। यदि ऐसा पाया जाए तो लोगों को ला रही अवैध गाड़ियों को तत्काल जब्त करते हुए कानूनी कार्रवाई की जाए।
सीएम योगी ने यह भी कहा है कि पुलिस पैदल चलने वालों को जागरूक करते हुए उन्हें रोके। उन्होंने इन निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री योगी शनिवार को एक उच्च स्तरीय बैठक में लॉकडाउन व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने प्रवासी कामगारों/श्रमिकों से अपील की कि वे स्वयं और अपने परिवार को जोखिम में डालकर पैदल अथवा अवैध और असुरक्षित वाहन से घर के लिए यात्रा न करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अपने सभी प्रवासी कामगारों/श्रमिकों की सुरक्षित और सम्मानजनक वापसी के लिए युद्ध स्तर पर व्यवस्था सुनिश्चित करा रही है।
सीएम योगी बोले- जिलों में किया जाए प्रवासियों के लिए इंतजाम
प्रदेश के मुखिया के तौर पर सीएम योगी ने भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार प्रवासी श्रमिकों/कामगारों को ट्रेन से प्रदेश में निःशुल्क ला रही है। मुख्यमंत्री योगी प्रवासी मजदूरों को पैदल या किसी निजी वाहन से वापस न आने की अपील पहले भी कर चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की सीमा में प्रवेश करते ही प्रवासी कामगारों/श्रमिकों को भोजन और पानी उपलब्ध कराया जाए। इसके बाद उनकी स्क्रीनिंग करते हुए उन्हें सुरक्षित और सम्मानजनक ढंग से उनके गंतव्य तक पहुंचाया जाए।
कोरोना से बचाव के सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन काफी हद तक बचाव का तरीका है। हालांकि, प्रवासियों के ट्रकों में भरकर घर जाने से ना तो सोशल डिस्टेंसिंग बची है और ना ही लॉकडाउन का पालन हो रहा है। लगातार हादसों में जानें जा रही हैं लेकिन सरकारें तमाशा देख रही हैं। एक तरफ प्रवासियों के दूसरे राज्यों में फंसे होने की समस्या है तो दूसरी तरफ इनकाे गांवों में आ जाने से गांव में कोरोना फैलने का डर। अब लॉकडाउन का तीसरा चरण खत्म होने के साथ आशंका जताई जा रही है कि गांवों में भी कोरोना के मामले काफी तेजी से बढ़ेंगे।
कोरोना का खतरा बढ़ा रहा पलायन
लगातार शहरों से गांव की ओर जा रहे मजदूरों से गांवों में भी कोरोना फैलने का खतरा बढ़ गया है। इसके नतीजे भी सामने आने लगे हैं और मई महीने में यूपी के उन इलाकों में कोरोना के मामले सामने आए हैं, जो ग्रीन जोन थे। ऐसे में यह सच्चाई काफी हद तक डरा रही है कि आने वाले समय में कोरोना और भयावह रूप ले सकता है।
घर जाने के लिए धूप में जलना मंजूर
जैसे-जैसे मई महीना बीत रहा है, वैसे-वैसे धूप और गर्मी बढ़ती जा रही है। तपती धूप भी घर जाने को आतुर मजदूरों और अन्य प्रवासियों का हौसला नहीं तोड़ पा रही है। लॉकडाउन का तीसरा चरण आते-आते पुलिस और प्रशासन भी अब ढीला पड़ चुका है। सरकार की ओर से भी प्रवासियों को ले जा रही गाड़ियों को ना रोकने को कहा गया है।
हाइवे पर लगा कई किलोमीटर जाम
सड़क पर ट्रकों, बसों और बाकी गाड़ियों की संख्या अब इतनी ज्यादा हो गई है कि कानपुर-लखनऊ नैशनल हाइवे पर जबरदस्त जाम लग गया और कई किलोमीटर तक सड़क पर गाड़ियों की लंबी लाइन लग गई। ज्यादातर ट्रक और मालवाहक गाड़ियों में प्रवासी मजदूर बैठे हैं, जो किसी भी तरह बस अपने घर पहुंचना चाहते हैं।
औरैया हादसे में 24 की मौत
उत्तर प्रदेश के औरैया में लॉकडाउन (Lockdown) के बीच वापस घर लौट रहे कुछ मजदूर शनिवार सुबह दुर्घटना का शिकार हो गए। यहां एक ट्रॉली दूसरे डीसीएम से टकरा गई। इस दुर्घटना में 24 मजदूरों की मौत हो गई है। मृतक इसी ट्रक में सवार थे। इस ट्रॉला में चूने की बोरियां लदी थीं। बोरी के नीचे दबे हुए 24 मजदूरों की मौके पर ही मौत हो चुकी थी। 20 मजदूरों की हालत गंभीर है। उन्हें मेडिकल कॉलेज में रेफर किया गया है।
हादसों में लगातार जा रही है लोगों की जान
औरेया के अलावा देशभर के अलग-अलग हिस्सों में कई प्रवासी मजदूर घर जाते समय मारे गए हैं। रास्ते में किसी को गाड़ियों ने कुचल दिया तो कोई दूसरी गाड़ियों की भिड़ंत मारा गया। यहां तक कि कई पैदल चल रहे लोग भी सड़क पर या भूख-प्यास से मर रहे हैं या फिर हादसों में उनकी जान जा रही है। हाल ही में महाराष्ट्र के औरंगाबाद में हुए हादसे में भी कई मजदूरों की जान गई थी।
उन्होंने कहा कि सीमाक्षेत्र के प्रत्येक जिले में जिलाधिकारी को 200 बसें अतिरिक्त रखने के आदेश पहले ही दिए गए हैं और प्रवासी कामगारों/श्रमिकों को बस से भेजने के लिए धनराशि भी स्वीकृत है। लोग पैदल यात्रा न करें, इसके दृष्टिगत जिलाधिकारी बसों की व्यवस्था सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इसके लिए प्रतिबद्ध है कि घर वापस आने वाले किसी भी प्रवासी कामगार/श्रमिक को कोई दिक्कत न हो। इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही अथवा उदासीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
‘हर गांव में की जाए अल्ट्रारेड थर्मामीटर की व्यवस्था’
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रत्येक गांव में एक अल्ट्रारेड थर्मामीटर की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए। जांच क्षमता बढ़ाने के लिए पूल टेस्टिंग को अपनाया जाए। जांच क्षमता को इस सप्ताह तक बढ़ाकर 10,000 जांच प्रतिदिन किया जाए। उन्होंने यह निर्देश भी दिए कि वेंटिलेटर के सुचारू संचालन के लिए प्रत्येक जनपद में प्रशिक्षित चिकित्सक और पैरामेडिक्स की उपलब्धता अवश्य हो। उन्होंने कोविड अस्पतालों में एक लाख बेड तैयार करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थितियों से निपटने और देश को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री द्वारा 20 लाख करोड़ रुपए का विशेष आर्थिक पैकेज घोषित किया गया है।
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