रिपोर्टर विकास गौतम
जिले के आधा दर्जन बालू घाटों पर अवैध खनन जारी है। यमुना बालू घाटों का पट्टा तो ले लिया पर आवंटित भूखंड में बालू नहीं है। ऐसे में पट्टेधारक नाव, पनचक्की व पोकलैंड के सहारे खंड से हटकर अवैध खनन कर रहे हैं। आवंटी कहीं पट्टा न सरेंडर कर दें इसके भय से अफसर भी खामोश हैं।किल्लत ले के कटैया, भकंदा, दिया, पभोषा, दलेलागंज, डेढ़ावल समेत आधा दर्जन बालू घाटों का करोड़ो रुपए में पट्टा आवंटित किया गया है। इन खंडों में बारिश के बाद यमुना का पानी सूखा तो नजारा देख कारोबारी दंग रह गए। किसी खंड में अच्छी बालू नहीं तो किसी के खंड में बालू की जगह मिट्टी निकल रही है।
खंड में बालू नहीं होने से पट्टेधारक यमुना नदी में पनचक्की व पोकलैंड चलाकर बालू निकासी कर रहे हैं तो कहीं पर स्थानीय नाविकों को लगाकर अवैध खनन कराया जा रहा है। बोट व पनचक्की से निकाली जा रही साफ बालू से पट्टेधारक अच्छी कीमत वसूल रहें हैं। इसकी आड़ में पट्टाधारक रायल्टी की किस्त देने में भी हीलाहवाली कर रहे हैं। प्रशासानिक अधिकारी भी इस उहापोह में हैं कि करें तो क्या करें।
बहरहाल प्रशासन की मजबूरी का बालू पट्टेधारक भरपूर फायदा उठा रहे हैं।सरायअकिल थाने के महरनिया व पश्चिमशरीरा के सिंघवल बालू घाट का पट्टा किसी को आवंटित नहीं है। यहां पर एक इलाकाई व्यक्ति अपनी दबंगई के बल पर शाम होते ही अवैध खनन शुरू करा देता है। अवैध खनन कर निकाली गई बालू को चौकी पुलिस की नजर के सामने से बिकने के लिए भेज दिया है। स्थानीय पुलिस व विभागीय अधिकारी मामले में चुप्पी साधे हुए हैं। पनचक्की व नाव के सहारे बालू निकाले जाने की जानकारी नहीं
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