जवान आया लेकिन वो पहला वैपन उठाया और उसे खोलने की कोशिश करने लगा लेकिन उसे खोल नहीं पाया, एक के बाद दूसरा भी उठाया, वो भी नही खोल पाया। तब आईजी ने कहा, प्रभारी जी अभ्यास करवाइए। अभ्यास की जरूरत है। उनके बाद वो कार्यालय में गए, जहां रखे वस्तुओं को देख कर उन्होंने नसीहत दी। कहाकि महिला सिपाही दिन भर बैठी रहती है। इन्हें भी काम पर लगाएं। मीडिया से एसपी सिटी ने फोटो लेकर बाहर जाने को कहा।
आईजी ने बाहर आने पर रेड कार्पेट देख कहाकि ये वीआईपी कल्चर सही नहीं है। यह किसने लगाया और रेड कारपेड पर चलना भी गलत समझा और उसके किनारे किनारे चले गए। ऊपर मेस और सिपाहियों के रुकने की जगह चेक करने पहुंचे। वहां भी एसपी सिटी ने मीडिया को नीचे ही रोक दिया जाते जाते थाने के जवानों से उन्होंने सलामी ली। साथ ही एक अच्छा काम और एक अच्छी छवि पुलिस की बने इसकी सिख भी दी।
आईजी द्वारा थाने का निरीक्षण और वैपन सहित तमाम चीजो का निरीक्षण करने के दौरान सरकार द्वारा वीआईपी कल्चर से परहेज करना ये अपने आप में एक अलग संदेश देता है। वहीं तमाम ऐसे अधिकारियों के लिए नसीहत भी है, जो अभी भी वीआईपी कल्चर में विश्वास रखते है।
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