Home राष्ट्रीय उत्‍तर प्रदेश : हिट-एंड-रन में गई सबसे ज्यादा जान, टक्कर मारकर भागने...

उत्‍तर प्रदेश : हिट-एंड-रन में गई सबसे ज्यादा जान, टक्कर मारकर भागने वालों की संख्‍या भी ज्‍यादा

12
0

[object Promise]

लखनऊ, सड़क पर हिट एंड रन यानी टक्कर मार कर भागने वाले मामले सबसे अधिक पाए गए हैं। कुल मौतों में अकेले 19 फीसद लोग ऐसे हैं जो टक्कर मार कर भाग जाने में आगे रहे। वर्ष 2019 में सर्वाधिक मौत के कारणों में हिट एंड रन के मामले ज्यादा प्रकाश में रहे। दूसरे नंबर पर साइड से ठोकर मारने वाले वाहन चालक रहे। इनका प्रतिशत 12 रहा तो पीछे से गाड़ी ठोंकने वाले 11 फीसद लाेग रहे।

[object Promise]
इस साल के नवंबर माह तक लखनऊ मंडल की मार्ग दुर्घटनाओं का जो आंकड़ा पेश किया गया।वह भी कम चिंताजनक नहीं। बीते मंगलवार को मंडलायुक्त की समीक्षा में कोरोना काल के दौरान 2833 मार्ग दुर्घटनाओं का जिक्र किया गया।
हादसों के प्रकार दुर्घटनाएं  मौत  प्रतिशत
हिट-एंड-रन 7,778  4,299  19
साइड से टक्कर 5,012  2,620  12
पीछे से टककर 4,800  2,430  11
सीधी भिड़ंंत 4,192  2,323  10
रन ऑफ रोड 3,957  2,073  9
हिट विद पार्कड् वेहिकिल 2,602  1,223  5

इस साल लखनऊ मंडल में जा चुकी है 1,910 लोगों की जान

लॉकडाउन के चलते कोराेना काल में जब वाहन सड़कों पर नहीं थे तो इस हादसों और मौतों में कमी नहीं आई है। इस साल के नवंबर माह तक लखनऊ मंडल की मार्ग दुर्घटनाओं का जो आंकड़ा पेश किया गया।वह भी कम चिंताजनक नहीं। बीते मंगलवार को मंडलायुक्त की समीक्षा में कोरोना काल के दौरान 2,833 मार्ग दुर्घटनाओं का जिक्र किया गया। इसमें असमय अपनी जान गंवाने वाले करीब 1,910 लोग रहे। कमिश्नर ने इन मामलों की विस्तृत पड़ताल कर इनके कारणों पर गंभीर पहल करने को कहा है।

‘मार्ग दुर्घटनाओं में वाहनों से हुई टक्करों की जो वजह सामने आई हैं। इनमें हिट-एंड- रन के केस 19 फीसद रहे हैं। टक्कर मारकर भाग जाने वाले लोगों की लापरवाही से बेवजह हजारों लोगों की जान गई। साइड से टक्कर मारकर निकलने वाले दूसरे नंबर पर तो गाड़ी में पीछे से ठोंकने वाले भी काफी ज्यादा लोग रहे हैं। इन मानवीय भूलों पर मामूली सावधानी बरत कर काफी लोगों की जान बचाई जा सकती है।’   -धीरज साहू, परिवहन आयुक्त 

Text Example

Disclaimer : इस न्यूज़ पोर्टल को बेहतर बनाने में सहायता करें और किसी खबर या अंश मे कोई गलती हो या सूचना / तथ्य में कोई कमी हो अथवा कोई कॉपीराइट आपत्ति हो तो वह [email protected] पर सूचित करें। साथ ही साथ पूरी जानकारी तथ्य के साथ दें। जिससे आलेख को सही किया जा सके या हटाया जा सके ।