Home राष्ट्रीय कृषक बन्धु अवशेष(पराली) खेतों में न जलायें-उप निदेशक कृषि

कृषक बन्धु अवशेष(पराली) खेतों में न जलायें-उप निदेशक कृषि

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कृषक बन्धु अवशेष(पराली) खेतों में न जलायें-उप निदेशक कृषि

रिपोर्ट:सैय्यद मकसूदुल हसन

फसल अवशेष जलाने पर किसान भाईयों से जुर्माना वसूल करने की होगी कार्यवाही।

सुलतानपुर 28 अगस्त/उप कृषि निदेशक शैलेन्द्र कुमार शाही ने बताया कि धान की कटाई-बुवाई के मध्य बहुत कम समय 20-30 दिन ही उपलब्ध होता है, जिसमें कृषकों को गेहूँ की बुवाई की जल्दी होती है तथा खेत की तैयारी में कम समय लगे एवं शीघ्र ही गेंहूँ की बुवाई हो जाय। इस उद्देश्य से कृषकों द्वारा अवशेष जलाने के दुष्परिणामों से भिग्य होते हुए भी फसल अवशेष जला देते हैं, जिसकी रोकथाम करना पर्यावरण के अपरिहार्य है। उन्होंने बताया कि फसल अवशेष जलाने के उपरान्त वातावरण प्रदूषित हो जाता है, जिसके कारण लोगों को परेशानी होती है विगत कुछ वर्षों में मजदूरों की कमी तथा विशेषकर धान एवं गेहूँ की कटाई एवं मड़ाई हो जाने के कारण अधिकांश क्षेत्रों में कृषकों द्वारा फसल अवशेष को जलाये जा रहे हैं, जिसके कारण वातावरण प्रदूषित होने के साथ-साथ मिट्टी के पोषक तत्वों की अत्यधिक क्षति होती है। साथ ही मिट्टी की भौतिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। उन्हांने बताया कि फसल अवशेष जलाने से विषाक्त गैसें उत्पन्न होती है इन गैसों के कारण सामान्य वायु की गुणवत्ता में कमी आती है, जिससे ऑखों में जलन एवं त्वचा रोग तथा सूक्ष्म कणों के कारण जीड़ हृदय एवं फेफड़े की बीमारी के रूप में मानव स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।उन्होंने बताया कि फसल अवशेष इन-सीटू प्रबन्धन में उपयोगी यंत्रों एवं मशीनों/यंत्रों पर पहले आओ पहले पाओ के आधार पर अनुदान भी दिया जा रहा है। विभिन्न कृषि यंत्र/उपकरण जैसे सुपर स्ट्रा मैनेजमेन्ट सिस्टम टू बी अटैच बिथ इक्जीस्टिंग कम्बाइन हार्वेस्टर हैपी सीडर, स्ट्रा चोपर/मल्चर, रोटरी स्लैसर, रिवर्सबुल मोल्ड बोर्ड प्लाऊ, रीपर कमबाइन्उर इत्यादि यंत्रों पर कृषकों के द्वारा लक्ष्य के अनुरूप ऑनलाइन टोकन निर्गत प्राप्त कर अनुदान प्राप्त करें। साथ ही राष्ट्रीय हरित अभिकरण के आदेशानुसार फसल अवशेष जलाने पर पर्यावरर्णीय क्षतिपूर्ति का आरोपण एवं वसूली की प्रक्रिया शुरू की गयी है। फसल अवशेष जलाने पर जुर्माना निम्नवत है 02 एकड़ से कम पर रूपये 2500/- 02-05 एकड़ पर रूपये 5000/- एवं 05 एकड़ से अधिक पर रूपये 15000/- का जुर्माना निर्धारित है। उप निदेशक कृषि ने जनपद के सभी किसान भाईयों से अनुरोध किया है कि फसल के अवशेष खेतों में न जलायें अन्यथा की स्थिति में पकड़े जाने पर नियमानुसार जुर्माना वसूल करने की कार्यवाही सम्पादित कर दी जायेगी, जिस हेतु कृषक स्वयं जिम्मेदार होगा।

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