योगीराज में सत्ताधारी पार्टियों के विधायको का खुलेआम गुंडई करना और पुलिस विभाग को अपनी ससुराल समझ कर खुलेआम गुंडई करना आम बात हो गई है ऐसा ही एक मामला जनपद उन्नाव के पुरवा विधानसभा से आया है जहां पर सत्ताधारी पार्टी के एक विधायक के गनर ने एक मेडिकल स्टोर संचालक से बदतमीजी की। मेडिकल स्टोर संचालक ने थाने में शिकायत पत्र दिया तो विधायक के आगे थानेदार नतमस्तक हो गए हैं और उल्टा शिकायत आरोपी के खिलाफ लिखने के बजाय शिकायतकर्ता पर ही मुकदमा लिख दिया। यह वही विधायक अनिल सिंह है जो बसपा के टिकट पर चुनाव जीतकर बागी बीजेपी में शामिल हुए। मेडिकल स्टोर संचालक के शिकायत करने पर सत्ताधारी विद्यायक ने जिलाधिकारी से कहकर औषधि निरीक्षक अजय कुमार संतोषी द्वारा शिकायतकर्ता के पुरवा तहसील के गांव कालूखेड़ा में संचालित संदीप मेडिकल स्टोर के विरूद्ध शिकायती पत्र भिजवाकर छापा डलवा दिए जनपद मेंऔर भी तमाम ऐसे मेडिकल स्टोर है जहाँ कभी इस तरह की कोई कार्यवाही नही होती हैं वही पुरवा विधान सभा मे कई ऐसे मेडिकल स्टोर है जो मानको पर खरा नही उतरते है।
लेकिन पीड़ित के सत्ताधारी विद्यायक के गनर की शिकायत करने का जो इनाम उसे मिला है वह उसे ताउम्र नही भूल सकता।आपको बताते चलें कि यह वही विद्यायक है जिनके आदमियों ने विकास भवन सभागार में प्रभारी मंत्री , सांसद ,विधायक गणों एव जिले के जिम्मेदार अफसरो के सामने विकास भवन सभागार में समाज कल्याण अधिकारी को जमकर लात घूसों से पीटा था तब सत्ताधारी पार्टी के विधायक ने सत्ता के रसूख का पूरा इस्तेमाल करते हुए मामले को रफा-दफा करवा दिया था और जिले के जिम्मेदार अधिकारी तमाशाबीन बने रहे ।
उन्नाव जनपद के असोहा थाना क्षेत्र में विगत दिवस कालूखेड़ा चौराहे से अपने दल बल के साथ निकल रहे पूरवा विधायक अनिल सिंह के सुरक्षा में लगे बाउंसर धीरेंद्र सिंह एवं एक पुलिस सुरक्षाकर्मी वीरेंद्र प्रताप सिंह ने कालूखेड़ा कस्बे में लगे जाम को खुलवाने के लिए कस्बे के मेडिकल स्टोर संचालक संदीप कुमार पुत्र भगवती प्रसाद निवासी कालूखेड़ा से अभद्रता करना शुरू कर दिया रोड के किनारे बने निर्माणाधीन नाले पर रखा उनके मेडिकल स्टोर का बोर्ड गनर ने उठा कर फेंक दिया व गंदी गंदी गालियां देते हुए धक्का मुक्की कर संदीप को धमकाना शुरू कर दिया ।था।जबकी लोकतंत्र में असली मालिक जनता होती है साहब यह भूल गए की यह वर्दीधारी गुंडई करते हुए यह भी भूल गए कि कुछ भी कर ले रहेंगे, जनता के सुरक्षा कर्मी ही। जनता की सुरक्षा उनका कर्तव्य है देश के नागरिकों की सुरक्षा करना ना की गुंडई करते हुए लोगों से अभद्रता करना, अगर कानून के रक्षक ऐसे ही गुंडई करने लगे तब देश की आम जनता कहां जाएगी? पूरे मामले की तहरीर मेडिकल स्टोर संचालक संदीप ने असोहा थाने में दी थी जिस पर सत्ता के हनक के चलते विधायक के गनर व बाउंसर पर असोहा थाने में मुकदमा पंजीकृत नही किया गया उल्टा शिकायतकर्ता पर ही पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके साबित कर दिया आखिर हम क्या करे गुलाम तो हम वैसे ही है सत्त्ताधारी पार्टी के विद्यायक के। यही वही चर्चित असोहा थाना है जहां नाइट कर्फ्यू के दौरान बार बालाएं अपने मस्त ठुमको से लोगों का मनोरंजन करती रही और असोहा थाने की जिम्मेदार कुम्भकर्णी नींद सोते रहे।
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