पहली नजर में तो इस खबर पर यकीन करना मुश्किल लगता है लेकिन ऐसा हुआ है.। ये मामला चीन का है जहां मां-बाप की मौत के चार साल बाद एक सरोगेट मां ने उनके बच्चे को जन्म दिया है.। चीनी मीडिया के मुताबिक बच्चे के असल मां-बाप की एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी. साल 2013 में मारे गए दंपती ने अपने भू्रण सुरक्षित रखवा दिए थे. वो चाहते थे कि आईवीएफ तकनीक के जरिए उनका बच्चा इस दुनिया में आए।
दुर्घटना के बाद दंपती के माता-पिता ने भू्रण के इस्तेमाल की इजाजत लेने के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी. दक्षिणपूर्वी एशिया देश लाओस की एक सरोगेट मां ने इस बच्चे को जन्म दिया था और द बीजिंग न्यूज अखबार ने इसी हफ्ते इसके बारे में छापा. दुर्घटना के वक्त भू्रण को नांजिंग अस्पताल में माइनस 196 डिग्री के तापमान पर नाइट्रोजन में सुरक्षित रखा गया था।
कानूनी मुकदमा जीतने के बाद दादा-दादी और नाना-नानी को उस पर अधिकार मिल पाया. रिपोर्ट के मुताबिक पहले ऐसा कोई मामला था ही नहीं जिसकी मिसाल पर उन्हें अपने बच्चों के भू्रणपर अधिकार दिया जा सकें. उन्हें भू्रण दे तो दिए गए लेकिन कुछ ही वक्त बाद दूसरी दिक्कत सामने आ गईं।
इस भू्रण को नांजिंग अस्पताल से सिर्फ इसी शर्त पर ले जाया जा सकता था कि दूसरा अस्पताल उसे संभाल कर रखेगा. लेकिन भू्रण के मामले में कानूनी अनिश्चितता देखते हुए शायद ही कोई दूसरा अस्पताल इसमें उलझना चाहता. चूंकि चीन में सरोगेसी गैर-कानूनी है, इसलिए एक ही विकल्प था कि चीन से बाहर सरोगेट मां खोजी जाए।
इसलिए दादा और नाना ने सरोगेसी एजेंसी के जरिए लाओस को चुना जहां सरोगेसी वैध थी. कोई एयरलाइन लिक्विड नाइट्रोजन की बोतल (जिसमें भू्रण को रखा गया था) ले जाने को तैयार नहीं थी. इसलिए उसे कार से लाओस ले जाया गया। लाओस में सरोगेट मां की कोख में इस भ्रूण को प्लांट कर दिया गया और दिसंबर 2017 में बच्चा पैदा हुआ।
तियांतियां नाम के इस बच्चे के लिए नागरिकता की भी समस्या थी. बच्चा लाओस में नहीं चीन में पैदा हुआ था क्योंकि सरोगेट मां ने टूरिस्ट वीजा पर जाकर चीन में बच्चे को जन्म दिया. क्योंकि बच्चे के मां-बाप तो जिंदा नहीं थे, इसलिए दादा-दादी और नाना-नानी को ही खून और डीएनए टेस्ट देना पड़ा ताकि ये साबित हो सके कि बच्चा उन्हीं का नाती-पोता है और उसके मां-बाप चीनी नागरिक थे।साभार :bbchindi
Disclaimer : इस न्यूज़ पोर्टल को बेहतर बनाने में सहायता करें और किसी खबर या अंश मे कोई गलती हो या सूचना / तथ्य में कोई कमी हो अथवा कोई कॉपीराइट आपत्ति हो तो वह [email protected] पर सूचित करें। साथ ही साथ पूरी जानकारी तथ्य के साथ दें। जिससे आलेख को सही किया जा सके या हटाया जा सके ।