Home उत्तर प्रदेश जिलाधिकारी द्वारा गोवंश आश्रय स्थल सीताकुण्ड का किया गया औचक निरीक्षण।

जिलाधिकारी द्वारा गोवंश आश्रय स्थल सीताकुण्ड का किया गया औचक निरीक्षण।

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जिलाधिकारी द्वारा गोवंश आश्रय स्थल सीताकुण्ड का किया गया औचक निरीक्षण।

गोवंश आश्रय स्थल पर गो संरक्षण हेतु सभी आवश्यक व्यवस्थाएं यथाशीघ्र सुनिश्चित की जायें- डीएम।

रिपोर्ट:सैय्यद मकसूदुल हसन

सुलतानपुर/जिलाधिकारी सी0 इन्दुमती द्वारा शनिवार को वरिष्ठ प्राणी सेवा संस्थान द्वारा संचालित गोवंश आश्रय स्थल सीताकुण्ड का औचक निरीक्षण किया गया। उन्होंने गोवंशों की जीओ टैगिंग किये जाने सहित कुल गोवंशों की स्थिति एवं उनके लिये भूषा, चारा, छाया, लाइट, रजिस्टर आदि की जानकारी उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी तथा संचालक से लेते हुए निर्देशित किया कि सभी गोवंशों का जीओ टैगिंग दो दिन के अन्दर कराया जाये एवं रजिस्टर तैयार कर प्रतिदिन सभी सूचनाएं अंकित की जायें तथा गोवंशों के संरक्षण पर विशेष ध्यान दिये जायें। इसमें किसी प्रकार की शिथिलता/लापरवाही क्षम्य नहीं होगी।
जिलाधिकारी ने गोवंश आश्रय स्थल सीताकुण्ड का अपने निरीक्षण में पाया कि 55 गोवंश हैं, जिनमें 34 गोवंशों की जीओ टैगिंग किये जाने पर अवशेष 21 गोवंशों की जीओ टैगिंग न किये जाने पर उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को कड़ी फटकार लगाते हुए निर्देशित किया कि दो दिन के अन्दर सभी गोवंशों की जीओ टैगिंग कर लिये जायें। अपने निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी द्वारा गोवंशों से सम्बन्धित रजिस्टर मांगा, जिसे मौके पर न दिखाये जाने के कारण कड़ी फटकार उपस्थित अधिकारियों को लगायी। उन्होंने निर्देशित किया कि रजिस्टर दो प्रतियों में चेकलिस्ट तैयार कर बनाये जायें, जिसकी एक प्रति गोवंश आश्रय स्थल पर संचालक के पास तथा दूसरी प्रति नगर पालिका/नगर पंचायत/ब्लाकों में सुरक्षित रखवाये जायें और नियमित रूप से प्रतिदिन की सूचनायें उसमें अंकित करायी जाये। उन्होंने चारा-भूषा भण्डारण कक्ष का निरीक्षण करने के पश्चात उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि गोवंशों से निकलने वाले गोबर, मूत्र आदि की बिक्री कराकर गोवंश आश्रय स्थल के लिये धनराशि अर्जित की जाये।
गोवंश आश्रय स्थल सीताकुण्ड के संचालक ने डीएम को अवगत कराया कि इस आश्रय स्थल पर लाइट व्यवस्था एवं गोवंशों के लिये फर्श ईट की बनायी जाये, ताकि बरसात में गोवंशों को कीचड़ न लगे और विभिन्न बीमारियों से बचाया जा सके। जिलाधिकारी ने मौके पर उपस्थित जिला परियोजना अधिकारी नगर पालिका परिषद साधना सिंह को निर्देशित किया कि नगर पालिका परिषद में धनराशि आ चुकी है, अधिशाषी अधिकारी से वार्ताकर सोलर लाइट एवं ईट का फर्श बनवाना सुनिश्चित करें। उन्होंने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया किया कि गोवंशों के लिये लोहे के दस-दस तशले खरीद कर प्रत्येक केन्द्रों में भिजवाना सुनिश्चित करें तथा जो भी अवश्यकताएं प्रतीत हो रही हैं उसकी व्यवस्था की जाये।

जिलाधिकारी द्वारा गोवंश आश्रय स्थल सीताकुण्ड का किया गया औचक निरीक्षण।

डीएम ने सीवीओ को यह भी निर्देश दिया कि जनपद के सभी गोवंश आश्रय स्थल केन्द्र एवं काॅजी हाउस के संचालकों का नाम, पूर्ण विवरण, मो0 नं0 आदि की सूची प्रमुखता से तैयार करायें तथा नगर पालिका एवं ग्राम पंचायतों से सोलर लाइट यथाशीघ्र लगवायी जाये। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि गोवंश आश्रय स्थलों पर टीन शेड बनवाये जायें एवं निर्माण सम्बन्धी अपूर्ण कार्यों को जल्द से जल्द पूर्ण कराया जाये। उन्होंने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि प्रत्येक गोवंश आश्रय स्थल एवं काॅजी हाउस के गोवंशों का नियमित रूप से निरीक्षण करते हुए बीमार गोवंशों का उपचार क्षेत्रीय पशु चिकित्साधिकारी द्वारा कराया जाये। उन्होंने गोवंशों के लिये भूषा, चारा, पानी आदि पर भी पैनी नजर रखने के निर्देश दिये। उन्होंने गोवंश के बीमार एवं मृत्यु आदि के सम्बन्ध में सूचना तत्काल उन्हें उपलब्ध कराये जाने का निर्देश सीवीओ को दिये।
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी(प्रशा0) हर्ष देव पाण्डेय, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डाॅ0 रमा शंकर सिंह, उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डाॅ0 आर0एस0 राठोर, जिला परियोजना प्रबन्धक, नगर पालिका परिषद साधना सिंह सहित गोवंश स्थल संचालक आदि उपस्थित रहे।

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