देश: केंद्र की मोदी सरकार किसानों के बहुमुखी विकास हेतु निरंतर प्रयास कर रही है। कृषि मंत्रालय ने कृषि क्षेत्र को मजबूत करने के लिए 1 लाख करोड़ रुपये के कृषि अवसंरचना कोष (एआईएफ) को बढ़ाने के निर्देश जारी किया है। एआईएफ फसल कटाई के बाद प्रबंधन बुनियादी ढांचे और सामुदायिक कृषि परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए 8 जुलाई 2020 को शुरू की गई एक वित्तपोषण सुविधा है। इस योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2025-26 तक 1 लाख करोड़ रुपये का वितरण किया जाना है और ब्याज छूट और क्रेडिट गारंटी सहायता वर्ष 2032-33 तक दी जाएगी।
कृषि सचिव मनोज आहूजा ने एक आधिकारिक बयान जारी किया. जिसमें कहा गया कि एग्री इंफ्रा फंड के तहत बैंकों के लिए भारत (बैंक्स हेराल्डिंग एक्सेलेरेटेड रूरल एंड एग्रीकल्चर ट्रांसफॉर्मेशन) नामक एक नया अभियान शुरू किया. 7,200 करोड़ रुपये के लक्ष्य के साथ एक महीने तक चलने वाला यह अभियान (15 जुलाई से 15 अगस्त तक) वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से शुरू किया गया था, जिसमें 100 से अधिक बैंकिंग अधिकारियों ने भाग लिया, जिसमें क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, लघु वित्त बैंक, एनबीएफसी और चुनिंदा सहकारी बैंक, सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के वाणिज्यिक बैंकों के एमडी/ अध्यक्ष, ईडी शामिल थे.
सचिव ने सभी बैंकों से हमारे देश में कृषि बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की व्यापक संभावनाओं को देखते हुए लक्ष्य हासिल करने को कहा. बैंकों को योजना के तहत बनाई गई परियोजनाओं के जमीनी स्तर पर प्रभाव का आकलन करने की भी सलाह दी गई. संयुक्त सचिव (एआईएफ) सैमुअल प्रवीण कुमार ने इस महत्वाकांक्षी प्रमुख योजना की शुरुआत के बाद से हुई प्रगति पर के बारे में बताया. उन्होंने इस योजना को बढ़ावा देने के लिए बैंकों की सक्रिय भागीदारी और समर्थन की सराहना की. जिसके परिणामस्वरूप एआईएफ के तहत 24,750 करोड़ रुपये की ऋण राशि के साथ देश में 31,850 से अधिक कृषि बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का 42,000 करोड़ रुपये का निर्माण हुआ है.
इसके पहले देश की वित्त मंत्री ने भी किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए बैंकों को निर्देश दिया था कि मानसून की शुरुआत के कारण कई किसानों को काफी नुकसान होता है. इसीलिए किसानों तक लोन यानी ऋण की पहुंच बढ़ाई जाए. किसानों को आसानी से मदद मिल सके.