बिजनेस: जब से अडानी ग्रुप द्वारा एनडीटीवी की 30 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की बात सामने आई है। हर ओर इस डील की चर्चा हो रही है। वही अब एनडीटीवी ने सेबी के एक पुराने नियम का हवाला देते हुए कहा है कि एनडीटीवी के शेयर को अडानी ग्रुप नही खरीद सकते हैं।
एनडीटीवी की ओर से यह दावा किया जा रहा है कि एनडीटीवी के संस्थापक प्रणॉय रॉय और राधिका रॉय पर साल 2020 से शेयर ख़रीदने और बेचने पर प्रतिबंध लगा हुआ है। इसलिए अडानी ग्रुप के पास यह ताकत नही है कि वह एनडीटीवी के शेयर को खरीद सके। क्योंकि एनडीटीवी के संस्थापक अपने शेयर को ट्रांसफर ही नही कर सकते है।
वही अब इस संदर्भ में अडानी ग्रुप ने दावा किया है कि होल्डिंग कंपनी आरआरपीआर सेबी के आदेश की पार्टी नहीं है. इसलिए वीसीपीएल को शेयर ट्रांसफ़र करने के मामले में कोई रोक नहीं है।
अडानी ग्रुप के मुताबिक वारंट एक्सरसाइज नोटिस वीसीपीएल ने जारी किया है, जो एक अनुबंध के तहत है और आरआरपीआर इसे मानने को बाध्य है और उसे अनुबंध की शर्तों को मानना पड़ेगा।
अडानी के इस रुख से यह साफ पता चल रहा है कि वह एनडीटीवी पर अपना आधिपत्य स्थापित करना चाह रहे हैं। वही अगर उनका ओपन ऑफर स्वीकार कर लिया गया तो एनडीटीवी में अडानी ग्रुप की 50 फीसदी हिस्सेदारी होगी और अडानी ग्रुप का एनडीटीवी पर मालिकाना हक। अडानी के इस कदम पर एनडीटीवी ग्रुप ने हैरानी जताते हुए कहा है कि उन्हें इस डील के बारे में कुछ भी नही पता था।
Disclaimer : इस न्यूज़ पोर्टल को बेहतर बनाने में सहायता करें और किसी खबर या अंश मे कोई गलती हो या सूचना / तथ्य में कोई कमी हो अथवा कोई कॉपीराइट आपत्ति हो तो वह [email protected] पर सूचित करें। साथ ही साथ पूरी जानकारी तथ्य के साथ दें। जिससे आलेख को सही किया जा सके या हटाया जा सके ।