व्यापार– सरकार निजीकरण पर तेजी से काम कर रही है। बैक कर्मचारियों के विरोध के बाद भी सरकार बैंको का निजीकरण करने जा रही है। सूत्रों का कहना है कि अगले महीने से सरकार निजीकरण करना शुरू कर देगी और स्टेट बैंक को छोड़कर देश की सभी बैंक प्राइवेट हो जाएगी।
नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष और कोलंबिया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अरविंद पनगढिया (Professor Arvind Panagariya) और एनसीएईआर की डायरेक्टर जनरल और प्रधानमंत्री को आर्थिक विषयों पर सलाह देने वाली परिषद की सदस्य पूनम गुप्ता (Poonam Gupta) ने सरकार को सलाह दी है कि देश की स्टेट बैंक को छोड़कर सभी बैंको का निजीकरण हो जाना चाहिए।
इंडिया पॉलिसी फोरम में पेश पनगढिया और गुप्ता ने एक पॉलिसी पेपर में कहा है, ‘सरकारी बैंकों का निजीकरण सब के हित में है. अधिकतर बैंकों के प्राइवेट सेक्टर में जाने से भारतीय रिजर्व बैंक पर भी दबाव बढ़ेगा कि वह पूरी प्रक्रिया, नियमों और कानूनों को सुव्यवस्थित करे, ताकि इसका अच्छा नतीजा निकल सके।
जानकारी के लिए बता दें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने चालू वित्त वर्ष के लिए बजट पेश करते हुए वित्त वर्ष 2022 में आईडीबीआई बैंक के साथ दो सरकारी बैंकों का निजीकरण की घोषणा की थी. इसके अलावा, नीति आयोग (NITI Aayog) ने प्राइवेटाइजेशन के लिए दो PSU बैंक को शॉर्टलिस्ट भी कर लिया है।
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