भारत में ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है. ऐसे में सरकार की तरफ से ऑनलाइन गेमिंग पर टैक्स वसूलने की तैयारी हो गई है. सरकार अब ऑनलाइन गेमिंग पर 28 फीसदी टैक्स वसूलेगी. इसमें हॉर्स रेसिंग, कसीनो जैसे ऑनलाइन गेम्स शामिल हैं. दरअसल, ऑनलाइन गेम्स पर लगने वाले पैसे सट्टेबाजी के दायरे में आते थे. मगर अब सरकार ने इसको लीगल कर के इसपर 28 फीसदी टैक्स लगाने की घोषणा कर दी है. देश में ऑनलाइन गेम्स, कैसिनो और हॉर्स रेसिंग पर टैक्स वसूली 1 अक्टूबर से लागू होगी. वहीं सरकार नियम लागू होने के 6 महीने बाद इसकी समीक्षा करेगी. अब ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर ऑनलाइन गेमिंग पर टैक्स से यूजर्स पर क्या असर होगा तो आईये जानते हैं डिटेल में…
अभी, ऑनलाइन गेमर्स और पोकर खिलाड़ियों को गेमिंग कंपनी द्वारा ली जाने वाली फीस के अलावा, दांव लगाने या जीतने वाले पैसे पर कोई एक्स्ट्रा टैक्स नहीं देना पड़ता है. लेकिन नया नियम लागू होने के बाद हर चांस के टोटल अमाउंट पर सीधे 28% कर का भुगतान करना होगा. इसलिए, ऑनलाइन गेम और पोकर खेलने के लिए उन्हें ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ेंगे.
नए नियम के बाद लोगों को तीन चीज़ें चुकानी होंगी: पहला, खेल में कुल धनराशि पर 28% टैक्स. दूसरा, वे जो पैसा जीतते हैं उस पर 30% टैक्स लगता है. और तीसरा, गेमिंग प्लेटफ़ॉर्म भाग लेने के लिए अपनी फीस लेगा. इसलिए, गेम खेलने पर खिलाड़ियों को अलग-अलग तरीकों से ज्यादा पैसे चुकाने होंगे.
सट्टेबाजी को मिलेगा बढ़ावा
दरअसल, क्रिकेट, कबड्डी, लूडो, ताश जैसे खेल में पैसे दांव लगाना सट्टेबाजी और जुआ के दायरे में आते हैं. लेकिन वहीं, जब ये गेम ऑनलाइन गेमिंग के नाम पर होते हैं तो इन्हें लीगल बना दिया जाता है. सट्टेबाजी और फरेब के गेमों पर बैन लगाने की बजाय उन्हें स्टार्टअप की छूट मिली है. स्किल और सट्टेबाजी के नाम पर ऑनलाइन गेमिंग पर टैक्स वसूला जायेगा. भारत के कानून के अनुसार सट्टेबाजी के किसी भी खेल को इजाजत नहीं मिल सकती. लेकिन ऑनलाइन गेमिंग पर इसे लीगल कर दिया गया है.
टैक्स चोरी होगी कम
फिलहाल विदेशी गेमिंग कंपनियों से GST वसूलने के लिए पर्याप्त प्रावधान हैं. लेकिन ज्यादातर विदेशी ऑफशोर कंपनियां बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी कर रही हैं. पिछले तीन सालों में लगभग 58 हजार करोड़ की प्राइज मनी पर टैक्स नहीं चुकाने पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने गेमिंग कंपनियों को नोटिस जारी किया है.
वहीं, अभी भी कई गेमिंग कम्पनियां 30 हजार करोड़ के टैक्स चोरी मामले में शामिल हैं. ईडी, आयकर, पुलिस और अदालतों के रडार में चल रही गेमिंग कम्पनियों से टैक्स की वसूली के लिए सख्त कानून बनाने के साथ उनसे हो रहे नुकसान को रोकने के लिए प्रभावी नियामक बनाने की सख्त जरूरत है. ऐसे में अब 28% टैक्स लगने से टैक्स चोरी जैसे मामले अब कम हो सकते हैं.
ऐसे समझिये टैक्स कैलकुलेशन
अभी ऑनलाइन गेमिंग पर 18% टैक्स लगता है. जिसे बढाकर अब 28 फीसदी करने की तैयारी है. अब यूजर्स को ऑनलाइन गेमिंग पर जीते गए अमाउंट पर 28 फीसदी टैक्स देना होगा. इसको ऐसे समझिए कि अगर कोई ऑनलाइन गेमर गेम में 500 रुपये जीतता है और उसकी एंट्री फीस गेम के लिए 100 रुपये है तो टीडीएस होगा –
500 -100 =400 (नेट विन्निंग्स ) और टोटल अमाउंट 400-28% = Rs.288 होगी। यानी आपको 400 रुपये के गेम पर 288 रुपये मिलेंगे.
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