img

जीवन संबंधो की नीव पर चलता है। मनुष्य अपने आस-पास लोगों की उपस्थिति से प्रसन्न रहता है। लोगों से जुड़ाव व्यक्ति के मन को शांत रखता है। लेकिन कई बार हमारे सगे संबंधी, हमारे अपने हमें नजरअंदाज करने लगते हैं। उनका ऐसा व्यवहार हमें अत्यधिक प्रभावित करता है। इससे हमारा मानसिक संतुलन बिगड़ने लगता है। हम बार-बार यही सोचते हैं आखिर उसने ऐसा क्यों किया है। क्या मुझसे कोई गलती हो गई है। क्या वो मुझसे नाराज है। क्या मुझमें कोई कमी है। लेकिन हमें इस बात का जवाब नहीं मिलता आखिर हमारे सगे-संबंधी हमें क्यों नजरअंदाज कर रहे है। वही आज हम आपको इस लेख में बताने जा रहे हैं वो कुछ वजह जिनकी वजह से लोग एक दूसरे को नजरअंदाज करना आरम्भ कर देते हैं।

धन:

किसी को नजरअंदाज करने का सबसे अमुख कारण धन है। अगर किसी व्यक्ति के पास अधिक पैसा आने लगता है और उसके साथी अभी भी सफल होने की कोशिश में लगे हैं। तो लोग अपने साथियों को नजरअंदाज करने लगते हैं और उनके साथ उठने बैठने में कतराते हैं। उन लोगों को लगता है अब वह पैसे से पूर्ण हैं उनका यूँ किसी के साथ बैठना उनके स्टेटस को प्रभावित कर सकता है। जिसके चलते वह अपने साथी, मित्रों को नजरअंदाज करते हैं और स्वयं धन के गुरुर में चूर रहते हैं।

स्वयं के लिए समर्पित:

दुनिया में विभिन्न स्वाभाव के लोग हैं। कुछ जो स्वयं से अधिक अपने आसपास के लोगों के हितार्थ सोचते हैं। तो कुछ जो सिर्फ और सिर्फ स्वयं के लाभ सिद्धि पर काम करते हैं। उनके संबंध, उनका लोगों से बोलना सब उनके लाभ से जुड़ा होता है। इस स्वाभाव के लोग स्वयं के प्रति समर्पित रहते हैं। इन लोगों फर्क नहीं पड़ता आपको क्या समस्या है। यह आपके साथ तबतक खूब हिले-मिले रहेंगे जब तक आपसे इनका लाभ है। लेकिन जैसे ही इनको यह अनुभव होगा आप इनके लिए अनुपयोगी हैं यह आपको नजरअंदाज करना आरम्भ कर देंगे।

दिखावा:

कुछ लोग दिखावे की जिंदगी जीते हैं। उनको वास्विकता से राई भर भी मतलब नहीं होता है। यह लोग दोस्त, साथी सब अपने दिखावे के बलबूते बनाते हैं और इनका मित्र वही होगा जो अधिक सफल और इनके दिखावे को जीवित रखने वाला होगा। यदि कोई कमजोर व्यक्ति इनके साथ है तो यह उसे नजरअंदाज करने लगते हैं और स्वयं के लिए एक बेहतर विकल्प खोज अपने दिखावे को जीवित रखते हैं।