गर्मियों में सुबह का बना खाना अगर फ्रिज में नहीं रखा तो शाम तक वो खाने लायक नहीं रह जाता। गर्म करने के बाद भी इन्हें खाना पॉसिबल नहीं होता। फिर भी लोग लापरवाही और बचा हुआ खाना बर्बाद न हो इस वजह से ऐसा खाना खा लेते हैं और उसके बाद उल्टी, दस्त, बुखार से परेशान हो जाते हैं। तो आपको बता दें ये फूड प्वॉइजनिंग की वजह से होता है। फूड प्वॉइजनिंग के बैक्टीरिया बहुत तेजी से पनपते हैं। इसलिए मौसम को देखते हुए खान-पान की आदतें बदलें। फूड प्वॉइजनिंग को गैस्ट्रोएंट्राइटिस के नाम से भी जाना जाता है।
फूड प्वॉइजनिंग की वजहें
फूड प्वॉइजनिंग कई वजहों से हो सकती है। आमतौर पर यह बैक्टीरिया या वायरस के कारण होती है।
- बासी, अधपका खाना खाने से,
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गंदे बर्तनों में पकाए गए खाने से,
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फ्रिज में रखा खाना गर्म किए बिना खाने से।
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दूध, पनीर, दही जैसे डेयरी प्रोडक्ट्स को फ्रिज में न रखने से।
चीज़ें जो फैलाती हैं फूड प्वॉइजनिंग
पानी
किसी भी चीज़ में बैक्टीरिया को पनपने के लिए पानी की जरूरत होती है। इसलिए गीली चीज़ों में प्वॉइजनिंग का खतरा बढ़ जाता है।
टाइम
गर्मियों में रात के बने हुए खाने को अगर आपने फ्रिज में नहीं रखा तो इसे सुबह खाना अवॉयड करें। सात घंटे में फूड प्वॉइजनिंग के एक बैक्टीरिया से 20 लाख बैक्टीरिया बन सकते हैं।
न्यूट्रिशन वाले फूड्स
अंडा, मीट, दूध, पनीर जैसी ज्यादा न्यूट्रिशन वाली चीज़ों में बैक्टीरिया भी ज्यादा तेजी से फैलते हैं।
फूड प्वॉइजनिंग से बचने के लिए इन बातों का रखें ध्यान
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सब्जियों और फल को अच्छी तरह से धोने के बाद ही खाएं।
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खाना बनाने और खाने से पहले हाथ जरूर धोएं।
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मीट और सब्जियों को काटने के लिए अलग-अलग चॉपिंग बोर्ड रखें।
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काटने के बाद हमेशा इसे धोकर ही रखें।
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रोटी बनाने के बाद चकला-बेलन को अच्छी तरह धोकर रखें।
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बाहर से खाना ऑर्डर करने पर मिलने वाले एक्स्ट्रा प्याज और चटनी को खाने से बचें।
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