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कांग्रेस के काला दिवस की धार को कुंद करने की तैयारी मे लगी बीजेपी

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कांग्रेस के काला दिवस की धार को कुंद करने की तैयारी मे लगी बीजेपी

 

 

नोटबंदी का साल पूरा होने को आया. अरसे तक दबी जुबान से इसके खिलाफ बोलने वाली कांग्रेस को चुनावों का दम मिला तो मोदी सरकार के खिलाफ ताल ठोकने लगी है. 8 नवंबर को कांग्रेस ने काला दिवस मनाने और देश भर में कैंडल लाइट मार्च निकालने का ऐलान किया तो बीजेपी ने कमर कसी और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ऐलान किया की एंटी ब्लैक मनी डे यानि काले धन के खिलाफ मुहिम चलाने का ऐलान कर दिया. देश की राजनीति में शायद ऐसा पहली बार हो रहा होगा कि सत्ता पक्ष और विपक्ष एक साथ एक ही दिन एक दूसरे के खिलाफ मैदान में उतरेंगे.

बीजेपी ने ऐलान किया था कि पूरी पार्टी और सरकार भी काले धन के खिलाफ इस मुहिम में शामिल होंगे. मंत्रियों, सांसदों और पार्टी के बड़े पदाधिकारियों की ड्यूटी लगेगी कि वे देश के विभिन्न हिस्सों में जाएं और लोगों को बताएं की मोदी सरकार ने काले धन को समाप्त करने के लिए कितने कदम उठाए हैं. खुद पीएम मोदी ने हाल ही में गुजरात में हुई अपनी जनसभा में कहा था कि अर्थवय्वस्था को सुधारने के लिए वे कड़े फैसले लेते रहेंगे और इसके लिए भले ही उन्हें कोई भी कीमत चुकानी पड़े.

पीएम मोदी जानते हैं कि पिछले दिनों सोशल मीडिया में सरकार और उनके खिलाफ लिखने वाले भारी पड़े हैं. सूत्र बताते हैं कि पीएम ने पांच महीने पहले ही पार्टी सांसदों के साथ बैठक में ऐसी आशंका जाहिर की थी. पीएम ने उन्हें कहा था कि सोशल मीडिया ने उनका जम कर साथ दिया था अब विपक्षी दलों को भी इस हथियार का महत्व समझ में आ गया है. इसलिए वो सोशल मीडिया में हमलों के लिए तैयार रहें. उन्होंने बुधवार को मंत्रीमंडल की बैठक में तमाम मंत्रियों को ये निर्देश दिए हैं कि वो अपने मंत्रालयों के साथ-साथ तमाम मंत्रालयों की खबरों को रीट्वीट भी करें और सोशल मीडिया पर शेयर भी करें. पीएम मोदी को समझ में आ गया है कि जितने फैसले सरकार ने लिए हैं उनका प्रचार और प्रसार देशभर में नहीं हो पाया है.

इसलिए जैसे ही कांग्रेस और दूसरे विपक्षी दलों ने काला दिवस मनाने का ऐलान किया, बीजेपी को भी मौका मिल गया मैदान में कूदने का. 8 नवंबर को गृहमंत्री राजनाथ सिंह हिमाचल प्रदेश में रहेंगे तो वित्त मंत्री अरुण जेटली गुजरात में. गडकरी मुंबई, सुषमा स्वराज भोपाल, अनमत कुमार विजयवाडा, जेपी नड्डा हिमाचल, उमा भारती रोहतक, मेनका गांधी अमृतसर, रविशंकर प्रसाद दिल्ली, जावडेकर बैंगलुरु, धर्मेन्द्र प्रधान रायपुर में रहेंगे. तमाम मंत्रियों की ड्यूटी लगा दी गयी है.सूत्र बताते हैं कि ये लड़ाई सिर्फ 8 नवंबर तक ही सीमित नहीं रहेगी. बल्कि एक कैंपेन की तरह आगे भी चलती रहेगी. बीजेपी और सरकार का पूरा फोकस रहेगा भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर. 2014 से अब तक की एक पूरी लिस्ट बनाई गई है जिसमें सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का पूरा लेखा-जोखा बयान किया जाएगा. मंत्री जनता के बीच जाकर बताएंगे कि मोदी सरकार के फैसलों ने कैसे काले धन पर रोक लगाने में सफलता पाई है.

जनता को ये बताया जाएगा कि कैसे मोदी कैबिनेट की पहली बैठक में 27 मई 2014 को काले धन पर एसआईटी का गठन किया गया. 14 फरवरी 2015 को कोयले का ऑनलाईन ऑक्शन शुरू किया गया. डीबीटी यानी डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर योजना शुरू की गई ताकि बोगस राशन कार्ड की छुट्टी के सात साथ सरकार की सब्सिडी भी बचे. 1 जून 2016 को इनकम डिस्क्लोजर स्कीम लागू हुआ जिसमें लोगों को अपने छिपे धन की घोषणा करने का मौका दिया गया. 1 नवंबर 2016 को बेनामी प्रॉपर्टी ट्रांजैक्शन एक्ट लागु हुआ और 8 नवंबर 2016 को पीएम मोदी ने अब तक के सबसे बड़े फैसले यानी नोटबंदी का ऐलान किया. दावा ये किया गया कि इससे आतंकी, नक्सल, नकली नोट के साथ-साथ काले धन पर भी लगाम लगेगी. मॉरिशस, सिंगापुर और साइप्रस के साथ समझौते कर काले धन को वापस लाने के धंधे पर रोक लगाई. और पिछले महीने ही नकली शेल कंपनियों के रजिस्ट्रेशन रद्द किए गए.

जाहिर है सोशल मीडिया के साथ-साथ जनता से सीधा संवाद कायम कर सरकार बैक टू बेसिक्स की नीति पर काम कर रही है. इसलिए तय है कि इस संवाद को कायम रखने में पीएम मोदी फ्रंट से लीड करेंगे और तमाम मंत्रियों के कार्यक्रम तय होने के बाद वे अपने-अपने इलाकों में जाकर कांग्रेस के काले दिवस के विरोध की हवा निकालने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.

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