United States: Khalistan supporters held a protest outside the Indian embassy in Washington DC in support of protest against farm laws in India. pic.twitter.com/tFFd1391pW
— ANI (@ANI) January 27, 2021
बता दें कि इससे पहले भी दूतावास के बाहर इस तरह के प्रदर्शन हो चुके हैं। पिछले साल दिसंबर में प्रदर्शनकारियों ने दूतावास के बाहर खालिस्तानी झंडे लहराते हुए गांधी जी की प्रतिमा भी खराब कर दी थी। अमेरिका के ग्रेटर वाशिंगटन डीसी, मैरीलैंड और वर्जीनिया के अलावा न्यूयॉर्क, न्यूजर्सी, पेंसिल्वेनिया, इंडियाना, ओहायो और नॉर्थ कैरोलाइना जैसे राज्यों से आए सैंकड़ों सिखों ने वाशिंगटन डीसी में भारतीय दूतावास तक कार रैली निकाली।
भारत विरोधी और खालिस्तान के समर्थन में लगाए नारे
रैली के दौरान कुछ सिख भारत विरोधी पोस्टरों और बैनरों के साथ खालिस्तानी झंडे लिए वहां पहुंचे। इनमें से कुछ खालिस्तान समर्थक सिख हाथों में कृपाण लिए महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने आए और उस पर एक पोस्टर चिपका दिया। इस समूह ने भारत विरोधी और खालिस्तान के समर्थन में नारे लगाए।
इस रैली को लेकर भारतीय दूतावास ने एक बयान जारी कर प्रदर्शनकारियों के रूप में गुंडागर्दी करने वाले लोगों के इस दुष्ट कृत्य की निंदा की। दूतावास ने कहा कि उसने अमेरिकी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के समक्ष इस संबंध में कड़ा विरोध दर्ज कराया है और अपराधियों के खिलाफ जांच एवं कानून के तहत कार्रवाई के लिए अमेरिकी विदेश मंत्रालय के सामने भी यह मामला उठाया है।
महात्मा गांधी की प्रतिमा का किया अनादर
जब शनिवार दोपहर को यह सब हुआ, उस समय वाशिंगटन डीसी पुलिस और सीक्रेट सर्विस के कर्मी बड़ी संख्या में वहां मौजूद थे। इसके करीब आधे घंटे बाद खालिस्तानी समर्थकों के एक अन्य समूह ने प्रतिमा के गले में रस्सी की मदद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पोस्टर बांध दिया। इसके एक घंटे से भी अधिक समय बाद सीक्रेट सर्विस का एक एजेंट प्रतिमा की ओर आता दिखाई दिया और उसने खालिस्तान समर्थकों से कहा कि वे कानून का उल्लंघन कर रहे हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 26 जून को एक कार्यकारी आदेश जारी किया था, जिसके अनुसार अमेरिका में सार्वजनिक सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने या किसी स्मारक का अनादर करने पर 10 साल तक की कैद हो सकती है। महात्मा गांधी की इस प्रतिमा का तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 16 सितंबर, 2000 को तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की मौजूदगी में अनावरण किया था।
एजेंसियों के खिलाफ शिकायत दर्ज
प्रतिमा के अनादर की यह घटना दूसरी बार हुई है। इससे पहले दो और तीन जून की मध्यरात्रि को भी कुछ अज्ञात बदमाशों ने महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनादर किया था, जिसके बाद मिशन ने स्थानीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। यह घटना 25 मई को मिनियापोलिस में अफ्रीकी-अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस हिरासत में मौत के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान हुई थी।
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