नई दिल्ली। दिल्ली में प्रवेश करने वाले व्यवसायिक वाहनों के लिए राहत भरी खबर है। उन्हें अगले सप्ताह से उन्हें टोल नहीं चुकाना पड़ेगा। निगम जल्द ही इस संबंध में आदेश निकालकर टोल फ्री कर देगा। इससे दिल्ली में प्रवेश करने वाले एक लाख से ज्यादा व्यवसायिक वाहनों को लाभ होगा। दक्षिणी निगम की स्थायी समिति ने निगम अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दिए हैं। जिसे अगले सप्ताह से लागू किया जा सकता है। यह मामला नगर निगम और टोल वसूलने वाली निजी कंपनी में राजस्व बंटवारे के विवाद को लेकर है।
दिल्ली के सभी 124 नाकों से टोल वसूली का कार्य नगर निगम एक निजी कंपनी एमईपी इन्फ्रास्टक्चर के माध्यम से करता है। निगम और इस कंपनी का आर्थिक विवाद चल रहा है। इसकी वजह से निगम को 1206 करोड़ रुपये का सालाना राजस्व नहीं मिल रहा है। स्थायी समिति के अध्यक्ष राजदत्त गहलोत ने निर्देश दिए कि चूंकि कंपनी निगम को कोई राशि उपलब्ध नहीं करा रही है। इससे निगम को राजस्व का नुकसान हो रहा है। जब तक मामला न्यायालय में तब दिल्ली के सभी टोल नाकों को फ्री कर दिया जाए। ऐसे में अगले सप्ताह से नाको को टोल फ्री किया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2017 में एमईपी और दक्षिणी निगम के साथ समझौता हुआ था। इसके तहत कंपनी को 1206 करोड़ रुपये की वार्षिक राशि निगम को देनी थी। दक्षिणी निगम इस राशि को 1:1:6 के अनुपात में उत्तरी और पूर्वी निगम में वितरित करता है। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं हैं कि टोल फ्री किए जाने के बाद व्यवसायिक वाहनों से वसूले जाने वाले पर्यावरण शुल्क को किस तरह से वसूला जाएगा।
राजधानी में प्रवेश के लिए 124 टोल नाके हैं। इसमें से 13 टोल नाके ऐसे हैं जिनसे 80-85 फीसद यातायात दिल्ली में प्रवेश करता है। जिन पर निगम ने बीते वर्ष ही रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी)से लैस किया था। जिसके बाद व्यवसायिक वाहनों का प्रवेश आरएफआइडी डिवाइस के माध्यम से ही अनिवार्य कर दिया था।
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