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बजट वेबिनार में बोले पीएम मोदी- नए कृषि कानूनों से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती

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किसानों को अपने गांवों के पास ही स्टोरेज की आधुनिक सुविधा मिले- मोदी

पीएम मोदी ने कहा, ”लगातार बढ़ते हुए कृषि उत्पादन के बीच 21वीं सदी में भारत को पोस्ट हारवेस्ट क्रांति या फिर फूड प्रोसेसिंग क्रांति और वेल्यू एडिशन की आवश्यकता है. देश के लिए बहुत अच्छा होता अगर ये काम दो-तीन दशक पहले ही कर लिया गया होता.” उन्होंने कहा, ”आज हमें कृषि के हर सेक्टर में हर खाद्यान्न, फल, सब्जी, मत्स्य सभी में प्रोसेसिंग पर विशेष ध्यान देना है. इसके लिए जरूरी है कि किसानों को अपने गांवों के पास ही स्टोरेज की आधुनिक सुविधा मिले. खेत से प्रोसेसिंग यूनिट तक पहुंचने की व्यवस्था सुधारनी ही होगी.”

कोल्ड स्टोरेज नेटवर्क का सशक्त माध्यम बनी किसान रेल- मोदी

मोदी ने आगे कहा, ”हमें देश के एग्रीकल्चर सेक्टर का, Processed Food के वैश्विक मार्केट में विस्तार करना ही होगा. हमें गांव के पास ही Agro-Industries Clusters की संख्या बढ़ानी ही होगी ताकि गांव के लोगों को गांव में ही खेती से जुड़े रोजगार मिल सकें.” उन्होंने कहा, ”ऑपरेशन ग्रीन्स योजना के तहत किसान रेल के लिए सभी फलों और सब्जियों के परिवहन पर 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है. किसान रेल भी आज देश के कोल्ड स्टोरेज नेटवर्क का सशक्त माध्यम बनी है.”

पीएम मोदी ने बताया, ”खेती से जुड़ा एक और अहम पहलू सॉइल टेस्टिंग का है. बीते सालों में केंद्र सरकार द्वारा करोड़ों किसानों को सॉइल हेल्थ कार्ड दिए गए हैं. अब हमें देश में सॉइल हेल्थ कार्ड की टेस्टिंग की सुविधा गांव-गांव तक पहुंचानी है.” उन्होंने कहा, ”एग्रीकल्चर सेक्टर में R&D को लेकर ज्यादातर योगदान पब्लिक सेक्टर का ही है. अब समय आ गया है कि इसमें प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी बढ़े. हमें अब किसानों को ऐसे विकल्प देने हैं जिसमें वो गेहूं-चावल उगाने तक ही सीमित न रहे.”

किसानों को प्रोत्साहित कराना भी फूड इंडस्ट्री के साथियों की बहुत बड़ी जिम्मेदारी- मोदी

पीएम मोदी ने कहा, ”मोटे अनाज के लिए भारत की एक बड़ी जमीन बहुत उपयोगी है. मोटे अनाज की डिमांड पहले ही दुनिया में बहुत अधिक थी, अब कोरोना के बाद ये इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में बहुत प्रसिद्ध हो चुका है. इस तरफ किसानों को प्रोत्साहित कराना भी फूड इंडस्ट्री के साथियों की बहुत बड़ी जिम्मेदारी है.”

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