इस्लामाबाद। पाकिस्तान से अब ऐसे संकेत मिलने शुरू हो गए हैं जो बता रहे हैं कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का तख्तापलट होने वाला है। पाकिस्तानी सेना देश की कमान अपने हाथ में लेने वाली हैं। कुछ तस्वीरें सामने आई हैं जो गवाही दे रही हैं कि इमरान खान के तख्तापलट काउंटडाउन शुरू हो चुका है।
पाकिस्तान का पूरा विपक्ष पहले से ही इमरान खान को सत्ता से बेदखल करने में लगा था. मगर अब पाकिस्तानी आर्मी चीफ जरनल बाजवा जैसे ही सेना की वर्दी उतार कर सूट-बूट में एक मीटिंग में पहुंचे इन अफवाहों को और बल मिल गया।
क्या पाकिस्तान में फिर से इतिहास दोहराया जाने वाला है? क्या पाकिस्तान में इस बार भी प्रधानमंत्री पांच साल का अपना तय कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएंगे? और क्या पकिस्तान में एक बार फिर तख्तापलट की तैयारी है?
पाकिस्तान के अंदर से जो खबर आ रही है उसके हिसाब से इन सारे सवालों के जवाब हां में हैं. पाकिस्तान का पूरा विपक्ष पहले से ही इमरान खान को सत्ता से बेदखल करने में लगा था।
मगर अब पाकिस्तानी आर्मी चीफ जरनल बाजवा जैसे ही सेना की वर्दी उतार कर सूट-बूट में एक मीटिंग में पहुंचे इन अफवाहों को और बल मिल गया।
पाकिस्तान सेना मुख्यालय में एक बैठक हुई। जिसे देखकर माना जा रहा है कि पाकिस्तान में मामला पलट चुका है और अब बस तख्ता पलटने की देर है।
उस मीटिंग को आप पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का तख्ता पलट होने का ट्रेलर समझिए. क्योंकि कराची में आयोजित वो कोई आम बैठक नहीं है. बल्कि मुल्क से इमरान खान के बोरिया-बिस्तर समेटने का इशारा है।
काउंटडाउन है प्रधानमंत्री की कुर्सी में उनके बचे हुए दिनों का. क्योंकि पाकिस्तान के सेना प्रमुख ने अब वर्दी उतारकर पैंट-शर्ट और सूट-बूट पहन लिया है। बाजवा ने अपने कलेवर ही नहीं तेवर भी बदल दिए हैं।
पाकिस्तान के सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा के इस हुलिये से उनकी मंशा को समझने की कोशिश कीजिए। क्योंकि बाजवा ने सिर्फ हुलिया ही चेंज नहीं किया बल्कि किरदार भी चेंज कर लिया है।
और अब वो पाकिस्तान की ड्राइविंग सीट पर बैठ गए हैं. यानी मुल्क पर अब उनका राज चलेगा. बस ऐलान बाकी है। वरना सोचिए कि जिन कारोबारियों के साथ मुल्क की आर्थिक नीति पर इमरान खान को बात करनी चाहिए।
वो काम सूट-बूट पहनकर कमर बाजवा कर रहे हैं। कराची में मुल्क के बड़े बिजनेसमैनों के साथ बाजवा की ये कोई पहली मीटिंग भी नहीं है. बल्कि इससे पहले वो अलग अलग कारोबारियों के साथ कराची और रावलपिंडी के सैन्य ठिकानों पर भी मुलाकात कर चुके हैं।
बैठक की तस्वीरों को देखकर साफ पता चल रहा है कि वहां पीछे की तरफ कारोबारियों की इस मीटिंग में सेना के प्रवक्ता आसिफ गफूर हैं. यानी ये मीटिंग बाकायदा आधिकारिक तौर पर की जा रही है।
सेना प्रमुख कमर बाजवा ने अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए कमान संभाली और कारोबारियों की मुश्किलों को समझने के लिए खुद ही वर्दी उतार सूट-बूट में बैठक करने के लिए पहुंच गए। बड़े कारोबारियों को कराची के सेना मुख्यालय में बुला गया. जहां ये मीटिंग हुई।
मीडिया चैनल में एक्सपर्ट भी इस बात को रख रहे हैं कि पाकिस्तान में अब लोग नए विकल्प की तलाश में हैं। और सेना से बड़ा विकल्प मुल्क की अवाम के पास कोई नहीं है. ऐसे में अब तख्तापलट ही सबसे बड़ा रास्ता है।
कश्मीर के मुद्दे पर इमरान खान हर मोर्चे पर फेल हो चुके हैं. तमाम कोशिशों के बाद भी दुनिया के किसी देश ने उनका साथ नहीं दिया और इन सबके बीच पाकिस्तान की माली हालत भी बेहद खराब हो चुकी है।
पाकिस्तान कर्ज में डूबा हुआ है। और विकास दर महज 2 फीसदी रह गई है. बजट घाटा पिछले 30 साल में सबसे ज्यादा पहुंच चुका है. ऐसे बदतर हालात में सेना पाकिस्तान की कमान हाथ में लेते हुए दिख रही है।
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