डेस्क। चुनाव ड्यूटी पर मतदाताओं को दी गई पोस्टल बैलेट सुविधा के संभावित दुरुपयोग की जांच करने के लिए चुनाव आयोग सरकार से नियमों में बदलाव करने की योजना बनाने में लगा हुआ है ताकि ऐसे लोग अपना वोट केवल तय केंद्रों पर ही डालें और लंबे समय के लिए मतपत्र अपने पास न रख सकें।
सूत्रों के अनुसार को जानकारी मिली है उसमे कहा गया है कि अगर प्रस्ताव लागू किया जाता है, तो मतदाताओं द्वारा अपने साथ लंबे समय तक चुनाव ड्यूटी पर मतपत्र रखने के संभावित दुरुपयोग को कम करेगा वहीं जो उम्मीदवारों या राजनीतिक दलों द्वारा अनुचित प्रभाव, धमकी, रिश्वत और अन्य अनैतिक साधनों के लिए इस्तेमाल किए जा सकते हैं वो स्वतः ही विफल हो जायेंगे। वहीं 16 सितंबर को हुई बैठक में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार की अध्यक्षता में चुनाव आयोग ने कानून मंत्रालय को एक सिफारिश भेजने का फैसला किया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि चुनावी ड्यूटी पर मतदाता अपना वोट मतदाता केंद्र पर ही डालें।
वहीं इसके लिए सरकार को चुनाव संचालन नियम, 1961 के नियम 18 में संशोधन का प्रस्ताव दिया गया है।
सूत्रों के मुताबिक, चुनाव आयोग ने पिछले चुनावों में देखा है कि चुनाव ड्यूटी पर तैनात मतदाता जिन्हें पोस्टल बैलेट प्रदान किया जाता है, वे मतदाता केंद्र में अपना वोट नहीं डालते और अपना पोस्टल बैलेट अपने साथ ले जाते हैं क्योंकि उनके पास चुनाव कानून और नियमों के अनुसार मतगणना के दिन सुबह 8 बजे तक पोस्टल बैलेट डालने का समय होता है।
इसके साथ ही आयोग की मानक नीति में प्रावधान है कि चुनाव ड्यूटी पर लगे मतदाताओं को आवंटित मतदान केंद्रों पर मतदान के प्रबंधन और पर्यवेक्षण के लिए उनके गृह निर्वाचन क्षेत्र के अलावा किसी अन्य निर्वाचन क्षेत्र में तैनात किया जाता है जिस कारण से इस व्यवस्था से वे अपने गृह मतदान केंद्र पर व्यक्तिगत रूप से वोट ही नहीं डाल पाते हैं।
वर्तमान योजना के अनुसार, चुनाव ड्यूटी पर मौजूद मतदाता अपने प्रशिक्षण के समय संबंधित रिटर्निंग अधिकारी को डाक मतपत्र के लिए आवेदन भेजते हैं जो प्रशिक्षण के बाद के दौर में प्रशिक्षण केंद्र पर डाक मतपत्र जारी करते हैं। वहीं चुनाव ड्यूटी के लिए आवंटित मतदान केंद्रों के लिए भेजे जाने से पहले अपना वोट डालने की सुविधा के लिए एक केंद्र भी स्थापित किया गया है।
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