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फेसबुक ने तालिबान को ‘डेंजरस ऑर्गेनाइजेशन पॉलिसीज’ के तहत अपनी सेवाओं को किया बैन

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वॉशिंगटन

सोशल मीडिया (Social Media) कंपनी फेसबुक (Facebook) भी तालिबान (Taliban) के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की तैयारी कर रही है. कंपनी ने कहा है कि वे तालिबान व्हाट्सऐप खातों (WhatsApp Accounts) पर रोक लगाने जा रहा है, क्योंकि वे इसे आतंकवादी संगठन मानती है. मैसेजिंग प्लेटफॉर्म पर तालिबान को रोकने के लिए फेसबुक अफगानिस्तान के जानकारों की मदद लेगा. फेसबुक ने तालिबान को ‘डेंजरस ऑर्गेनाइजेशन पॉलिसीज’ के तहत अपनी सभी सेवाओं पर बैन कर दिया है. कंपनी के इस कदम का तालिबान ने विरोध किया है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी ने कहा है कि अमेरिकी कानूनों के तहत तालिबान पर आतंकी संगठन के तौर पर प्रतिबंध हैं. इसके चलते कंपनी को अमेरिकी प्रतिबंधों को मानना होगा. एएफपी को दिए साक्षात्कार में फेसबुक ने कहा, ‘इसमें उन खातों पर बैन लगाना भी शामिल है, जो खुद को तालिबान के आधिकारिक खाते के रूप में प्रस्तुत करते हैं. हम अमेरिकी अधिकारियों से अफगानिस्तान के बदलते हालात पर और जानकारी मांग रहे हैं.’

कंपनी ने कहा, ‘इसका मतलब है कि हम तालिबान या उसकी तरफ से बनाए गए खातों को हटाएंगे और उनकी तारीफ, समर्थन और प्रतिनिधित्व पर रोक लगाएंगे.’ फेसबुक ने बताया है कि वे नीति तैयार करने के लिए दरी और पश्तो बोलने वाले जानकारों की मदद ले रहे हैं. साथ ही कंपनी ने यह भी साफ किया है कि नीति उसके सभी प्लेटफॉर्म्स पर लागू होगी.

भाषा के अनुसार, फेसबुक ने कहा है कि उसने मंच पर तालिबान और उसका समर्थन करने वाली सभी सामग्री को प्रतिबंधित कर दिया है, क्योंकि वह समूह को आतंकवादी संगठन मानता है. कंपनी का कहना है कि उसके पास बागी समूह से संबंधित सामग्री पर नजर रखने और उसे हटाने के लिए अफगान विशेषज्ञों की एक समर्पित टीम है. वर्षों से तालिबान अपने संदेशों का प्रसार करने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल करता आया है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान के प्रवक्ता ने फेसबुक की तरफ से लगाई गई रोक का विरोध किया है. फेसबुक के अलावा अल्फाबेट कंपनी के यूट्यूब ने भी उन खातों पर प्रतिबंध लगा दिया है, जो तालिबान या उसकी तरफ से संचालित माने जा रहे थे.

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