नई दिल्ली। पिछले साल 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर राज्य का विशेष दर्जा खत्म करते हुए केंद्र सरकार ने वहां इंटरनेट के साथ मोबाइल और ब्रॉडबैंड सेवाओं पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी थी। एक दिन पहले शनिवार को घाटी में सभी लोकल प्रीपेड मोबाइल सेवाओं की बहाली कर दी गई।
वहां प्रीपेड कॉल, एसएमएस और 2जी इंटरनेट सेवाएं भी शुरू हो गई हैं। फिलहाल बडगाम, गंडरबल, बारामुला, श्रीनगर, कुलगाम, अनंतनाग, शोपियां और पुलवामा में इंटरनेट सेवा बंद रहेगी। इस बीच नीति आयोग के सदस्य और पूर्व डीआरडीओ चीफ वीके सारस्वत इंटरनेट पर पाबंदी को लेकर एक विवादित बयान दे बैठे।
उन्होंने कहा कि अगर कश्मीर में इंटरनेट नहीं है तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। वैसे भी उस पर गंदी फिल्में ही देखी जाती हैं। उन्होंने कहा कि अगर कश्मीर में इंटरनेट नहीं भी हो तो क्या फर्क पड़ता है? आप इंटरनेट पर क्या देखते हैं? वहां क्या ई-टेलिंग हो रही है? गंदी फिल्में देखने के अलावा आप उस पर कुछ भी नहीं करते है।
सारस्वत ने नेताओं के जम्मू -कश्मीर दौरे को लेकर भी प्रश्न पूछे हैं। उन्होंने कहा कि राजनेता कश्मीर क्यों जाना चाहते हैं? वे चाहते हैं कि कश्मीर में भी दिल्ली की तरह सडक़ों पर हो रहे विरोध प्रदर्शन शुरू हो जाएं। राजनेता विरोध प्रदर्शनों को हवा देने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं।
गौरतलब है कि भाजपा ने जम्मू-कश्मीर का दौरा करने और संपर्क अभियान की योजना बनाई है। स्मृति ईरानी, रवि शंकर प्रसाद, पीयूष गोयल, रिटायर्ड जनरल वीके सिंह समेत 36 मंत्री 24 जनवरी तक राज्य का दौरा करेंगे। वे लोगों से बात करेंगे और सरकार द्वारा उन क्षेत्रों में किए जा रहे कार्यों के बारे में जानकारी देंगे। दौरा 18 जनवरी से शुरू हो चुका है।
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