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लॉकडाउन में शादियां बंद, SDM ने 3500 कन्याओं के कन्यादान में बांट दिये 18 करोड़, ऐसे किया फर्जीवाड़ा !

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भोपाल।  सरकार की इस योजना में निर्माण कार्य में लगे श्रमिकों और उनके परिवार को शादी के लिए वित्तीय मदद दी जाती है. लेकिन इसके लिए उन श्रमिकों का भवन और अन्य निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल में रजिस्ट्रेशन जरूरी है. इसमें कुल 51 हजार रुपये दिए जाते हैं. इसी योजना में व्यापक भ्रष्टाचार की शिकायत की गयी थी. मध्य प्रदेश के विदिशा जिले के जिस सिरोंज जनपद पंचायत सीईओ के खिलाफ EOW ने FIR दर्ज की, उन्होंने बड़ा कारनामा किया है. उन्होंने उस वक्त 3500 युवतियों के कन्यादान में 18 करोड़ रुपये बांट दिए, जब लॉकडाउन में शादियां बंद थीं.  

विदिशा एसडीएम शोभित त्रिपाठी ने सिरोंज जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी रहते हुए विवाह सहायता योजना के तहत ये करोड़ों का घोटाला किया. त्रिपाठी ने उन लोगों को इस महत्वपूर्ण योजना का राशि बांट दी, जो इसके पात्र ही नहीं थे. कई फर्जी हितग्राहियों को भी योजना का पैसा दिया गया. EOW ने अब त्रिपाठी के खिलाफ भ्रष्टचार, गबन, धोखाधड़ी की धाराओं में मामला दर्ज किया है. बताया जाता है कि विदिशा के कलेक्टर ने इसकी उच्च स्तरीय जांच की थी. उसमें भी यह आरोप सही पाए गए थे. इस  मामले को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने भी नाराजगी जाहिर की थी.

जानकारी के मुताबिक, इस मामले को विधानसभा में भी उठाया गया था. खुद बीजेपी विधायक उमाकांत शर्मा विधानसभा में इस मामले को लाए. उन्होंने बताया था कि सीईओ त्रिपाठी ने विवाह सहायता योजना के तहत कोरोना काल में बोगस हितग्राहियों को करोड़ों रुपए वितरित कर दिए. इसके बाद हुई जांच में आरोप सही पाया गया. जांच में पता चला कि जब लॉकडाउन लगा था और सार्वजनिक शादियों की अनुमति नहीं थी, तब सीईओ शोभित त्रिपाठी ने 1 अप्रैल 2020 से 30 जून 2021 के बीच करीब 3500 हितग्राहियों को विवाह सहायता के नाम पर 18 करोड़ 52 लाख 32 हजार रुपए बांट दिए.

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