अफगानिस्तान में तालिबान द्वारा कब्जे के बाद जो डर का माहौल था, वह धीरे-धीरे थोड़ा सुधरने लगा है. इसका ताजा उदाहरण राजधानी काबुल में ही देखने को मिला है. वहां हिंदू (अल्पसंख्यक समुदाय) के लोगों ने नवरात्रि (Navratri in Kabul Afghanistan) के पावन अवसर पर कीर्तन और जगराता किया.
Afghanistan पर Taliban के कब्जे के बाद क्या होगा?
अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद यह देश पाकिस्तान के बाद आतंकियों का बड़ा ट्रेनिंग ग्राउंड बन सकता है. तालिबान कह चुका है कि उसका टारगेट अफगानिस्तान में इस्लामिक सरकार को स्थापित करना है. तालिबानी आतंकी अफगानिस्तान के संविधान की जगह देश में इस्लामिक शरिया कानून लागू कर सकते हैं. (फाइल फोटो/साभार- रॉयटर्स)
मंगलवार को हिंदुओं ने काबुल में स्थित असमाई मंदिर (Asamai Mandir) में कीर्तन और जागरण किया. कुछ वीडियोज भी सामने आए हैं, इनको असमाई मंदिर का ही बताया जा रहा है.
खबरों के मुताबिक, काबुल स्थित असमाई मंदिर की मैनेजमेंट कमेटी के अध्यक्ष राम शरण सिंह ने कहा कि उन्होंने कीर्तन और जागरण के साथ-साथ भंडारे का भी आयोजन किया, जिसमें जरूरतमंदों को खाना खिलाया गया था. कार्यक्रम में करीब 150 लोग जुटे थे, जिसमें अफगान में रहने वाले हिंदुओं के साथ सिख भी शामिल थे.
Taliban ने बनाई ‘महिला विंग’
इन हिंदू और सिखों ने भारत सरकार से इनको जल्द अफगानिस्तान से निकालने की अपील भी की है. इन लोगों का कहना है कि फिलहाल अफगान के आर्थिक हालात बिल्कुल अच्छे नहीं हैं और उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
यह मंदिर काबुल में ही स्थित ‘करते परवान’ गुरुद्वारे से 4-5 किलोमीटर दूर स्थित है. करते परवान गुरुद्वारे में पिछले हफ्ते संदिग्ध तालिबान लड़ाकों ने तोड़फोड़ की थी.
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