देश में आने वाले ब्रिटेन के नागरिकों के लिए कड़ी गाइडलाइंस को केंद्र सरकार ने बुधवार को वापस ले लिया। सरकार ने बताया कि विदेश से आने वाले लोगों के लिए फरवरी की पुरानी गाइडलाइंस ब्रिटेन के यात्रियों पर लागू होंगी। इससे पहले ब्रिटेन ने भारत सहित 47 देशों से आने वाले लोगों के लिए कोरोना से जुड़े क्वारनटाइन के ट्रैवल रूल्स को रद्द करने का फैसला किया था।
‘वैक्सीन लेने के बाद डेल्टा वायरस से 60 फीसदी तक घटता है संक्रमण का खतरा’
वैक्सीन के दोनों डोज लेने के बाद कोरोना के नए रूप डेल्टा वायरस से भी संक्रमण का खतरा 50 से 60 फीसदी तक घट जाता है. यह दावा इम्पीरियल कॉलेज लंदन के रिसर्चर्स ने अपनी स्टडी में किया है. रिसर्चर्स के मुताबिक, वैक्सीन न लेने वालों में संक्रमण का खतरा टीका लगवाने वालों के मुकाबले तीन गुना अधिक रहता है. रिसर्च के लिए 98,233 लोगों के घर जाकर सैम्पल लिए गए. 24 जून से 12 जुलाई के बीच सैम्पल की पीसीआर टेस्टिंग की गई. इनमें से 527 लोग पॉजिटिव आए. इन 527 पॉजिटिव सैम्पल में से 254 सैम्पल में मौजूद वायरस की उत्पत्ति को समझने के लिए दोबारा लैब में जांच की गई. रिपोर्ट में सामने आया कि इन सैम्पल्स में 100 फीसदी तक डेल्टा वायरस था. (फोटो सौ. न्यूज18 इंग्लिश)
इसका मतलब है कि देश में तैयार की गई कोविशील्ड की दोनों डोज लगवा चुके लोगों को ब्रिटेन में 10 दिन के अनिवार्य क्वारनटाइन की जरूरत नहीं होगी।
ब्रिटेन ने शुरुआत में कोविशील्ड को मान्यता देने से इनकार किया था। हालांकि, भारत की ओर से इस फैसले का कड़ा विरोध करने के बाद ब्रिटेन ने 22 सितंबर को अपनी गाइडलाइंस में संशोधन कर इस वैक्सीन को शामिल कर लिया था।
कोविशील्ड वैक्सीन की मैन्युफैक्चरिंग सीरम इंस्टीट्यूट (SII) कर रही है। ब्रिटेन के कोविशील्ड को मान्यता नहीं देने के बाद केंद्र सरकार ने भी देश में आने वाले ब्रिटेन के नागरिकों के लिए ट्रैवल पर पाबंदियों को लागू करने का फैसला किया था।
कोरोना के खिलाफ बच्चों की वैक्सीन का विश्लेषण
इससे पहले भी कुछ देश में विकसित कोवैक्सीन को मान्यता देने से मना कर चुके हैं। इससे विदेश जाने वाले लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा था।
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