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भारत तिब्बत समन्वय संघ पंजी० द्वारा अखण्ड भारत संकल्प दिवस पर ऑनलाइन वेबिनार आयोजित हुआ

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कार्यक्रम के मुख्यअतिथि देश के जाने माने चिंतक प्रखर वक्ता #श्रीसुशीलपंडित थे।वेबिनार में अखण्ड भारत  संकल्प दिवस पर सुशील पंडित ने कहा आज का दिन हम सभी भारतीयों के लिए अपने दिलों में मजबूती से राष्ट्र प्रेम का संकल्प जगाने का दिन है,आज के दिन को हम काला दिवस के रूप में याद कर रहे हैं, भारत की विभाजनकारी शक्तियों ने इस दिन भारत माँ को खंडित कर भारत के विभाजन को स्वीकार किया। भारत के महत्वपूर्ण राज्य सिंध, को अलग कर  सत्ता प्राप्त करने को लालायित तत्कालीन नेताओं ने भारत में जहर बो दिया।  इसी दिन हजारों बेगुनाह लोग #कलकत्ता में मारे गए,जो आततायी शक्ति मुस्लिम लीग की सरकार द्वारा कराया गया पहला हमला था,चूंकि ऐसे हमले के लिए 11 अगस्त को मुहम्मद अली जिन्ना ने चेतावनी दे दी थी,अहिंसा का दम्भ भरने वालों ने  गुपचुप तरीके से इसकी अनदेखी कर सत्ता प्राप्ति के लिए विभाजन को स्वीकार कर लिया। उन्होंने कहा कि एक साजिश के तहत विभाजन का दोष अंग्रेजों के सिर मढ़ देने का काम तत्कालीन नेताओं ने किया, उस समय जानबूझकर की गई यह त्रासदी आज हमारे सिर पर तलवार लेकर लटक रही है। इस बात को राममनोहरलोहियाजी ने अपनी पुस्तक में  गंभीरतापूर्वक लिखा है। सत्य को नकारा नहीं जा सकता है, जब उसके साथ तथ्य जुड़े हों।

सुशील पंडित ने कहा कि आज यह भी कहा जा रहा है कि भारत में पैदा होने वाले प्रत्येक व्यक्ति का डीएनए एक है,यह कैसे हो सकता है जब भारत #षड्यंत्रकारियों से घिरा हो, भारत में बैठे विभीषण देश के टुकड़े करने की बातें करते हों,दूसरी ओर यह कहना कि जनसंख्यापरनियंत्रण आवश्यक है, यह दोनों बातें भ्रमित करने वाली हैं। उन्होंने कहा सच बोलना होगा सच देखना होगा। इसी तरह द्वितीयविश्वयुद्ध दूसरी #त्रासदी था,जिस पर अभी भी पुस्तकें लिखी जा रही हैं,शोध पत्र प्रकाशित हो रहे हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे भारत तिब्बत समन्वय संघ के केन्द्रीयसंयोजक श्री Hemendra P. S. Tomar जी ने कहा कि अफगानिस्तान, तिब्बत,नेपाल ,भूटान,म्यामार, बंग प्रदेश सभी भारत के अंग थे,धीरे धीरे यह सभी भारत के महत्वपूर्ण हिस्से हमारे हाथ से अलग हो गए,जिसका साफ कारण हमारी एकजुटता न होना था,अब जेहादियों की गिद्ध दृष्टि कश्मीर और बंगाल में लगी हुई है। हाल के दिनों में अफगानिस्तान में तालिबानियों का  जिस तरह से प्रवेश हुआ है वह भारत के लिए शुभ संकेत नहीं है। कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीयमहामंत्री Vijay Maan जी ने किया। श्री मान द्वारा वेबिनार की प्रस्तावना में तथ्यात्मक बिंदु भारत तिब्बत समन्वय संघ के कार्यकर्ताओं के समक्ष रखे गए।

इस अवसर पर वाराणसी से  राष्ट्रीय_महामंत्री Arvind Keshari , परामर्श दात्री सभा के वरिष्ठ सदस्य पूर्व कुलपति  प्रोफेसर प्रयाग दत्त जुयाल, दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रसिद्ध वक्ता प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल,राष्ट्रीय मंत्री प्रोफेसर बी आर कुकरेती,राष्ट्रीय सह मंत्री राष्ट्रीय कार्यकारिणी युवा विभाग तेजस चतुर्वेदी, दिल्ली प्रान्त प्रभारी प्रोफेसर शिवशंकर मिश्र, आशीष देवगण , कर्नल हरिराज सिंह राणा, उत्तराखण्ड के प्रांत संरक्षक श्याम सुंदर वैश्य,उत्तराखण्ड प्रदेश अध्यक्ष नरेन्द्र चौहान, महामन्त्री मनोज, क्षेत्रीय संगठन मंत्री मोहन भट्ट,पिथौरागढ़ से होशियार सिंह बाफिला,डॉ वंदना वशिष्ठ, जयपुर से ज्योति शर्मा,राजस्थान से क्षेत्रीय संगठन मंत्री दिनेश भाटी सहित सैकड़ों कार्यकर्ता वेबिनार में शामिल थे।

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