Same Sex Marriage Issue: भारत में समलैंगिक विवाह का मुद्दा उफान पर है। आज सुप्रीम कोर्ट इस संदर्भ में फैसला सुनाएगा। याचिकाकर्ता की मांग है कि समलैंगिक विवाह को क़ानूनी मान्यता दी जाए। समलैंगिक विवाह के संदर्भ में पहले 10 दिन कार्यवाही हो चुकी है और 11 मई को इस संदर्भ में फैसला सुरक्षित रख लिया गया था। लेकिन भारत में आज भी समलैंगिक विवाह को समाज में स्वीकृति नहीं है। साल 2018 में समलैंगिक विवाह को अपराध के दायरे से बाहर किया गया।
लेकिन आज भी समाज इसे अपराध ही मानता है। सामज का कहना है कि यदि समलैंगिक विवाह को मजूरी मिलती है तो सामजिक व्यवस्था प्रभावित होगी और समलैंगिक विवाह का लोगों के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। लेकिन समलैंगिक जोड़े इसका खूब समर्थन कर रहे हैं और सामान्य लोगों की तरह स्वयं के अधिकारों की कोर्ट में लड़ाई लड़ रहे हैं।
वही आज हम आपको भारत के उन पडोसी देशों के विषय में बताने जा रहे हैं। जहाँ समलैंगिक विवाह की स्थिति भारत के जैसी ही हैं। उन देशों में भी समलैंगिक विवाह को स्वीकृति नहीं है और सरकार इसका समर्थन नहीं कर रही है।
बांग्लादेश:
बांग्लादेश में समलैंगिक विवाह को अपराध की परिधि में रखा गया है। यदि को कपल समलैंगिक है और संबंध बनाता है या चोरी-छुपे विवाह करने का प्रयास करता है। तो उसे बांग्लादेश में सजा मिलती है। बांग्लादेश की सरकार समलैंगिक विवाह को पूर्ण रूप से अवैध मान रही है।
पाकिस्तान:
पाकिस्तान में समलैंगिक विवाह को अनैतिक माना जाता है। जो भी व्यक्ति इस प्रकार के संबंध बनाता है उसे कड़ी से कड़ी सजा मिलती है। पाकिस्तान के साथ-साथ अफगानिस्तान, मालदीव, चीन में भी समलैंगिक विवाह के संदर्भ में सजा का प्रावधान है।
भूटान:
भूटान में समलैंगिक विवाह गलत माना जाता है। हालांकि सोडोमी लॉ को 2021 में हटाने की मांग उठी थी। जो अभी पेंडिग है। सोडोमी लॉ ऐसा कानून है, जो कुछ यौन कृत्यों को अपराध के रूप में परिभाषित करता है।
नेपाल:
नेपाल की आवाम भी समलैंगिक विवाह के खिलाफ है। साल 2007 में नेपाल में समलैंगिक विवाह को सजा की सीमा से बाहर किया गया। अभी तक इस संदर्भ में कोई नया कानून नहीं बना है। वही निजली अदालत समलैंगिक विवाह को रजिस्टर करवाने से मना कर चुकी है।
Disclaimer : इस न्यूज़ पोर्टल को बेहतर बनाने में सहायता करें और किसी खबर या अंश मे कोई गलती हो या सूचना / तथ्य में कोई कमी हो अथवा कोई कॉपीराइट आपत्ति हो तो वह [email protected] पर सूचित करें। साथ ही साथ पूरी जानकारी तथ्य के साथ दें। जिससे आलेख को सही किया जा सके या हटाया जा सके ।