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Snake Venom Case: मेनका पर भड़के एल्विश यादव, मैडम जैसे आरोप लगाए हैं माफी के लिए तैयार रहिए

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Snake Venom Case: चर्चित यूट्यूबर एल्विश यादव विवादों में उलझ गए हैं। नोएडा पुलिस ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। उनपर रेव पार्टी ऑर्गेनाइजर, नशे का सौदागर जैसे गंभीर आरोप हैं। बताया जा रहा है वह पार्टियों में सांप का नशा सप्लाई करते हैं। एल्विश यादव पर बीजेपी सांसद मेनका गांधी ने कई आरोप लगाए हैं। मेनका गांधी की संचालित संगठन “पीपल फॉर एनिमल्स” ने एल्विश यादव और उनके पांच साथियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की है, जिसके चलते नोएडा पुलिस ने उनके साथियों को गिरफ्तार किया है। अभी एल्विश यादव की गिरफ्तारी नहीं हुई है। 

मेनका गांधी का कहना है कि एल्विश यादव और उनके साथी गलत तरीके से जानवरों के साथ बर्ताव कर रहे हैं और इसके खिलाफ कई आरोप लगाए हैं। उनका मांग है कि एल्विश यादव को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए। हालांकि एल्विश यादव ने मेनका गांधी के बयाना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि उनके ऊपर जो आरोप लगाए गए हैं वह गलत हैं। माफी के लिए ( मेनका गांधी ) तैयार रहें। 

क्या बोले एल्विश यादव :

एल्विश यादव ने ट्विटर पर मेनका गांधी के बयान को शेयर करते हुए लिखा, ‘यह चौंकाने वाला है कि ऐसे लोग इतनी बड़ी पोस्ट पर बैठे हैं। जिस हिसाब से इल्जाम लगाए हैं उस हिसाब से माफी भी तैयार रखें’। उधर मेनका गांधी ने प्रेस से बातचीत में आरोप लगाया कि ये जो बंदा है, इसके ऊपर हमारी नजर बहुत दिनों से है, क्योंकि ये जो फोटो, वीडियो खींचता है और यूट्यूब पर लगाता है, उसमें वो सांप अक्सर पहनता है। ये सारे के सारे सांप स्वदेशी हैं। इनमें पायथन हैं और कोबरा हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाए हैं कि ये इनका जहर बेचता है। मनेका का कहना है कि एल्विश यादव गुड़गांव और नोएडा में सांप का जहर बेचता है।

मेनका के मुताबिक कैसे पकड़ा गया एल्विश यादव :

मेनका ने बताया कि कैसे उनकी टीम ने एल्विश को पकड़ा है। उन्होंने बताया कि ट्रैप के लिए हमने उनको ही फोन करके कहा कि हम पार्टी कर रहे हैं, आप अपने लोगों को भेजिए। पहले उसने लोगों को भेजा यह देखने के लिए कि ये ट्रैप है या सही है। जब उसको लगा कि ये सही है, तो सांपों और जहर के साथ पांच लोगों को भेजा। मेनका ने यह भी बताया कि यह एक जुर्म है। इसके लिए, इसे करने और उपयोग करने पर सात साल की सजा हो सकती है, और इसे गंभीर जुर्म माना जाता है। मेनका का कहना है कि यह काम वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो का है। 

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