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यासीन मलिक के साथ क्या था मनमोहन का कनेक्शन, आखिर क्यों बोले करो पाकिस्तान से बात

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जब से विवेक अग्निहोत्री की फ़िल्म द कश्मीर फाइल्स सिनेमा में आई है इसने हर ओर हंगामा मचा रखा है। इस फ़िल्म ने 1990 के उस रहस्य को उजागर करके रख दिया है जिसका जिक्र कभी किसी ने नहीं किया। हर किसी को इस फ़िल्म को देखने से पहले ऐसा प्रतीत होता था कि कश्मीर एक ऐसी जगह है जहां सुकून और बर्फ की सफेद चादर है लेकिन इस फ़िल्म ने बताया कि यह शफ्फाक चादर खून से सनी हुई है। इस फ़िल्म के आने के बाद उस समय की राज्य सरकार और तत्कालीन केंद्रीय कांग्रेस की सरकार सवालो के घेरे में है। हर कोई यह सवाल कर रहा है कि आखिर कश्मीरी पंडितों के साथ हुए इस निर्मम व्यवहार पर कांग्रेस ने मौन क्यों धारणा कर रखा था।
वही इस फ़िल्म ने यह लोगो के मन मे एक सवाल यह भी उपन्न किया कि कश्मीरी पंडितों के साथ निर्मम व्यवहार करने वाले, हिन्दू महिलाओं का बलात्कार करने वाले अपराधियों के खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं हुई और यह अपराधी कश्मीर के राजनेता कैसे बन गए। क्योंकि इनको तो जेल में होना चाहिए था। वही कांग्रेस की केंद्र सरकार ने इन अपराधियों के खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं की।
वही अब सोशल मीडिया पर कश्मीरी पंडितों के साथ अभद्रता करने वाले यासीन मालिक और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तस्वीरों ने हंगामा मचा दिया है और लोगों को कांग्रेस से सवाल करने पर मजबूर किया है। इस तस्वीर को देखने के बाद अब हर कोई जानना चाहता है कि आखिर खून से सने हाँथो से पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने क्यों हाँथ मिलाया था।
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क्या है तस्वीर में जो सवालो से घिरे है मनमोहन

क्या है तस्वीर में जो सवालो से घिरे है मनमोहन:-
असल मे जो तस्वीर सोशल मीडिया पर हंगामा मचाए हुए हैं उसमें मनमोहन सिंह उसी आतंकवादी यासीन मलिक के साथ नजर आ रहे हैं। दोनो तस्वीर में काफी खुश लग रहे हैं और यासीन मलिक उन्हें कुछ गिफ्ट भी दे रहे हैं। यासीन मलिक ने मनमोहन से हुई इस मुलाकात पर कहा था कि वह पाकिस्तान के साथ शान्ति वार्ता चाहते थे।
मनमोहन क्यों चाहते थे कि मालिक पाक से बात करे:-
इंडिया टुडे में छपी खबर के अनुसार यासीन मलिक ने मनमोहन से हुई मुलाकात पर कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह उस समय चाहते थे कि वह पाकिस्तान में आतंकवादियों से संपर्क करें। उन्होंने 2006 में उनसे इस बात का अनुरोध किया था। मलिक का कहना था कि मनमोहन सिंह भारत-पाकिस्तान शांति प्रक्रिया को बढ़ावा देने के लिए संपर्क चाहते थे। इंडिया टुडे के इंटरव्यू में मलिक में मनमोहन के संदर्भ में कहा था कि मैंने 2006 में मनमोहन सिंह के साथ एक बैठक की थी जिसमें मैंने उनसे कहा था कि सरकार को शांति वार्ता में उग्रवादी नेतृत्व को शामिल करना चाहिए। पीएम ने कहा कि उन्हें इस संबंध में हमारी मदद की ज़रूरत है।

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