Home राजनीति Brijbhushan Sharan Singh: क्यों बृजभूषण शरण सिंह से भयभीत बीजेपी

Brijbhushan Sharan Singh: क्यों बृजभूषण शरण सिंह से भयभीत बीजेपी

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Brijbhushan Sharan Singh

Brijbhushan Sharan Singh: लोकसभा चुनाव का शंखनाद हो चुका है। राजनीति के जानकारों का मानना है अबकी बार का चुनाव फेचिदा है। जनता किसको केंद्र की गद्दी पर बैठाना चाहती है इसपर मौन है। वहीं यूपी की चर्चा इस चुनाव में खूब हो रही है। बीजेपी का दावा है यूपी की 80 सींटो पर उनका दबदबा कायम है। पांच सीटे उनके सहयोगी दल तो बाकी की सीटें बीजेपी अपने दम पर जीत रही है। हालांकि इन सबके बीच रायबरेली और कैसरगंज सीट पर प्रत्याशी का नाम घोषित करने की अभी बीजेपी हिम्मत नहीं जुटा पाई है।

80 सीट का दावा करती बीजेपी को दबदबा से लबालभ भरी सीट कैसरगंज के प्रत्याशी का नाम घोषित करने में पसीने छूट रहे हैं। जानकारों का कहना है यह सीट बीजेपी बृजभूषण शरण सिंह की वजह से जीत रही थी। क्षेत्र में उनकी एक अलग पहचान है। जनता उनको अपना प्रतिनिधि मानती है और उनके अलावा किसी को विकल्प के तौर पर नहीं देखती। लेकिन फिर बीजेपी बृजभूषण शरण सिंह को टिकट देने से क्यों कतरा रही है।

क्यों बृजभूषण शरण सिंह के नाम पर हो रहा मंथन:

बृजभूषण शरण सिंह बीजेपी से वर्तमान सांसद हैं। उनको संसदीय क्षेत्र में दबदबा है। कैसरगंज की जनता हर स्थिति में उनका समर्थन करने को तैयार है। लेकिन बृजभूषण शरण सिंह पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोप ने बीजेपी को संसय में डाल दिया है। वह अभी महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपों का कोर्ट में सामना कर रहे। ऐसे में बीजेपी यह जानती है यदि कैसरगंज से उनका टिकट कन्फर्म होता है तो बीजेपी विपक्ष के निशाने पर आ जाएगी और चुनाव में मोदी सरकार की छवि का निगेटिव प्रभाव भी पड़ सकता है।

कब होगी कैसरगंज के प्रत्याशी की घोषणा:

बृजभूषण शरण सिंह ने कई बार मीडिया के सामने स्पष्ट किया है की उनका टिकट कैसरगंज से कोई नहीं काट सकता। किसी में हिम्मत है तो वह टिकट काट कर दिखा दे। अब ऐसे में एक बात साफ़ है बृजभूषण शरण सिंह को आलाकमान का भय नहीं है। उनको पता है जनता के पक्ष में खड़ी है और जो जिस तरफ से चुनाव लड़ेंगे उधर से उनकी जीत पक्की है।

कई लोग दावा कर रहे हैं। बृजभूषण शरण सिंह का रुख समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के प्रति सकारात्मक है। यदि बीजेपी उनका टिकट काटती है तो उनको एक पल भी नहीं लगेगा समाजवादी पार्टी के पक्ष में खड़े होने में और यदि उन्होंने ऐसा किया तो कैसरगंज में बीजेपी का सारा रौब समाप्त हो जाएगा। इसके साथ ही अन्य संसदीय क्षेत्र में इसका प्रभाव देखने को मिलेगा।

हालांकि सूत्र बता रहे हैं। कैसरगंज में नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया भी 26 अप्रैल से शुरू हो चुकी है। इस सीट पर नामांकन की प्रक्रिया तीन मई तक चलेगी. चार मई तक नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी और छह मई तक जो प्रत्याशी अपना नाम वापस लेना चाहेंगे, वो वापस ले सकते हैं। ऐसे में उम्मीद है इस चरण के प्रत्याशी का नाम बीजेपी व विपक्ष अंतिम समय में घोषित करेगा।

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