JP. Nadda resign from Rajya Sabha: देश की हवाओं में सियासी रंग खूब उड़ रहा है। लोकसभा चुनाव में अपनी जीत शंखनाद करने के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष ताबड़तोड़ मेहनत कर रहे हैं। लालू के लाल हों या अखिलेश यादव, मोदी मैजिक हो या राहुल की जमीनी राजनीति सब नए अंदाज में जनता को लुभाने में लगे हैं। वही इस बीच भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा राज्यसभा की अपनी मौजूदा सदस्यता से इस्तीफा दे देते हैं।
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि उनका कार्यकाल अप्रैल में समाप्त हो रहा है। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा को दोबारा निर्विरोध गुजरात से राज्य सभा का सदस्य चुना गया है। नड्डा पहले हिमाचल से राज्य सभा सदस्य थे। जेपी नड्डा उन 41 सदस्यों में शामिल हैं। जो राज्य सभा के लिए बिना किसी विरोध के चुने गए। लेकिन अब एक सवाल जो सभी को व्यथित कर रहा है वह है की आखिर क्यों बीजेपी ने जेपी नड्डा को हिमाचल से गुजरात भेजा।
क्यों नड्डा हिमाचल से गए गुजरात:
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है। जनता के बीच कमल का जलवा शून्य है। लोग पंजा पर न सिर्फ विश्वास जता रहे हैं बल्कि उनका मत है की पंजा की नीति जनकल्याणकारी नीति है। जेपी नड्डा बीजेपी के बड़े नेता और राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। हिमाचल में उनका चुनाव जीतना आसान नहीं था। ऐसे में बीजेपी ने उनको गुजरात भेजना उचित समझा। बीजेपी जानती है गुजरात उनका गढ़ है गुजरात में बीजेपी का कोई भी बड़ा नेता जाए उसे जीत मिलना निश्चित है। यही कारण रहा बीजेपी ने नड्डा को हिमाचल से गुजरात भेज दिया। क्योंकि यदि राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ हार का तमगा लगता तो कहीं न कहीं देश में बीजेपी की किरकिरी हो जाती।
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