Gulam Nabi Azad resign: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद का इस्तीफा किसी को नही पच रहा है। उनके इस्तीफे से कांग्रेस की रीढ़ चटक गई है। कांग्रेस उनपर संघर्ष के समय साथ छोड़ने का आरोप लगा रही है तो बीजेपी उनके इस्तीफे के पीछे राहुल का हाथ बता रही है।
जैसे ही गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे की बात कल सामने आई। तो राजनीतिक गलियारों में यह हलचल मचने लगी की भाजपा ने कांग्रेस के एक और मजबूत नेता को तोड़ लिया है। और अब गुलाम नबी आजाद भाजपा परिवार का हिस्सा बन जायेंगे। लेकिन ऐसा नही हुआ उन्होंने भाजपा में शामिल होने से इनकार कर दिया।
लोगो का यह सोचना मुनासिब था कि वह भाजपा परिवार से जुड़ जाएंगे। क्योंकि उनके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह से बहुत अच्छे सम्बंध है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई दफा सदन में उनकी जमकर तारीफ की है। लेकिन आजाद का बीजेपी में न जाना एक बड़ा संकेत है।
खबर सामने आई की आजाद जम्मू कश्मीर में अपनी अलग पार्टी बना रहे हैं। भाजपा के एक नेता ने दावा किया है कि भाजपा ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 इसलिए नही हटाई थी। की वह जम्मू ने एक मुस्लिम मुख्यमंत्री बनाना चाहती है। भाजपा की कोशिश है कि जम्मू कश्मीर में वह एक हिन्दू मुख्यमंत्री बना सके।
जानकारो का कहना है नबी का भाजपा परिवार से जुड़ना। नबी और भाजपा दोनो के लिए घातक साबित हो सकता है। क्योंकि अगर यह भाजपा में शामिल हुए और भाजपा ने इन्हें मुख्यमंत्री का चेहरा बना दिया तो भाजपा को मुस्लिम वोट तो मिलेगा। लेकिन भाजपा अपने खेमे से हिंदूओ का समर्थन खो देगी। जो की राजनीतिक परिदृश्य से भाजपा और नबी दोनो को चोट देगा।
नबी एक अच्छे नेता हैं। भाजपा ने हमेशा उनका सम्मान किया है और खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन में उनकी तारीफ की है। लेकिन इस सबके बाबजूद वह भाजपा में नही आ रहे इसका एक मात्र कारण उनका भाजपा की राजनीति के मुताबिक फिट न बैठना है।
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